प्लान में उलझा विभाग, नहीं लागू हुई कचरा प्रबंधन की व्यवस्था
जागरण संवाददाता गोपालगंज वैसे तो यहां छोटे-बड़े कई कस्बाई इलाके हैं। इनमें से चार को
जागरण संवाददाता, गोपालगंज : वैसे तो यहां छोटे-बड़े कई कस्बाई इलाके हैं। इनमें से चार को नगर क्षेत्र का दर्जा दिया गया है। जिला मुख्यालय को नगर परिषद का दर्जा प्राप्त है। खुद गोपालगंज को जिला बने 48 साल पूरे हो चुके हैं। फिर भी यहां कूड़ा निस्तारण व ठोस कचरा प्रबंधन की व्यवस्था सटीक नहीं है। जिला मुख्यालय से लेकर तीन अन्य शहरी क्षेत्र में एक स्थान से कचरा उठाने के बाद दूसरे स्थान पर उसे डाल देने का ही खेल चल रहा है।
वैसे गोपालगंज नगर परिषद क्षेत्र में ठोस कचरा प्रबंधन की व्यवस्था कागज पर जरूर बनाई गई है। आजतक यह व्यवस्था धरातल पर नहीं उतर सकी है। आज भी जिले के चारों शहरी क्षेत्र कचरे के ढेर पर ही हैं। हद तो तब होती हैं जब सफाई के नाम पर शहर के कचरे को उठाकर शहर से दो या चार किलोमीटर के दूरी पर ले जाकर गिरा दिया जाता है। ऐसे में कचरे से स्थाई निजात शहर में बसने वाले लोगों को लंबी अवधि बीतने के बाद भी नहीं मिल सकी है। अगर शहर के कचरा प्रबंधन की बात करे तो, हर चौक चौराहे पर कचरा का अंबार देखने को मिल जाते हैं। जिला मुख्यालय की सड़कों पर पसरा रहने वाला कचरा नगरीय क्षेत्र में कचरा प्रबंधन की व्यवस्था को मुंह चिढ़ाने के लिए काफी है। यही स्थिति मीरगंज, बरौली तथा कटेया नगर पंचायत क्षेत्र की भी है।
बाहर कचरा डालने की विवशता
शहरी क्षेत्र का दर्जा मिलने के बाद से ही जिला मुख्यालय व तीन अन्य शहरी क्षेत्र में कचरा सड़क के किनारे व खाली स्थानों पर फेंका जाता है। सालों से यह स्थिति बनी हुई है। अलबत्ता पिछले दो साल से शहरी इलाके के कुछ स्थानों पर कचरा डालने के लिए कूड़ादान लगा दिया गया है, लेकिन कूड़ेदान से कचरा नियत समय पर नहीं उठाया जाता। ऐसे में कूड़ादान भर जाने के बाद लोग सड़क पर ही कचरा डाल देते हैं।
कितना निकलता है कचरा
नगर परिषद क्षेत्र से प्रतिदिन 40 से 50 ट्राली कचरा निकलता है। इसके लिए नगर परिषद क्षेत्र में सात हाइड्रोलिक ट्राली रखा गया है। इस कार्य में चार दर्जन मजदूरों को लगाया गया है, लेकिन शहरी क्षेत्र में कचरा प्रबंधन की व्यवस्था नहीं है। खुले स्थान पर कचरा ले जाकर गिरा देने वाली पुरानी व्यवस्था पर ही नगर परिषद चल रहा है। बरौली, मीरगंज तथा कटेया शहरी क्षेत्रों में स्थिति तो गोपालगंज नगर परिषद से भी बदतर है।
क्या कहते हैं शहरवासी
शहरवासी राजीव कुमार तथा प्रमोद पटेल जैसे लोगों का कहना है कि सफाई कर्मी सड़कों पर झाड़ू मार कर सभी कचरा चौक चौराहे पर इकट्ठा कर देते हैं, लेकिन कचरा उठाने कोई नहीं आता है। जिससे हर चौक चौराहे पर कई दिनों तक कचरा पसरा रहता है। इसका सीधा असर पर्यावरण पर भी पड़ रहा है।
कहते हैं नगर परिषद अध्यक्ष
यहां ठोस कचरा प्रबंधन की व्यवस्था जल्द ही शुरू की जाएगी। कूड़ा निस्तारण की व्यवस्था के तहत नगर परिषद में वाहनों की व्यवस्था की गई है। सफाई कर्मी कूड़ा को शहर के बाहर उपयुक्त स्थान पर फेंकते हैं। नगर के हर चौराहे पर कूड़ेदान लगाए गए हैं। कूड़ों को शहर के बाहर निर्धारित स्थान पर फेंके जाने के बारे में आवश्यक दिशा-निर्देश दिया गया है।
हरेंद्र कुमार चौधरी, अध्यक्ष, नगर परिषद