Move to Jagran APP

अभी हाइवे पर हैं कई डेथ प्वाइंट

गोपालगंज । बात दो दिन पहले की ही है। एक बाइक पर सवार दो लोग शहर के हजियापुर मोड़ के

By Edited By: Published: Sat, 16 Jul 2016 03:02 AM (IST)Updated: Sat, 16 Jul 2016 03:02 AM (IST)
अभी हाइवे पर हैं कई डेथ प्वाइंट

गोपालगंज । बात दो दिन पहले की ही है। एक बाइक पर सवार दो लोग शहर के हजियापुर मोड़ के पास पहुंचे ही थे कि तभी हाइवे से गुजर रहे एक वाहन ने इन्हें रौंद दिया। इस हादसे में मौके पर ही बाइक सवार व्यक्ति की मौत हो गई तथा बाइक पर बैठी एक महिला गंभीर रूप से घायल हो गई। इसके एक दिन पूर्व महम्मदपुर में एक वाहन ने नेपाल निवासी एक वृद्ध को रौंद दिया। जिससे वृद्ध की भी मौके पर ही मौत हो गई। वैसे तो ये सिर्फ उदाहरण भर हैं। जिले से गुजर रही हाइवे पर हर दो चार दिन मे हादसे हो रहे हैं और लोगों की जान जा रही है। हालंाकि अधूरे पड़े एनएच 28 को पूरा करने के लिए तेजी से कार्य चल रहा है। इस हाइवे की दशा पहले की अपेक्षा काफी सुधर भी गई है। लेकिन इसके बावजूद भी जिले की सीमा में स्थित 57 किलोमीटर दूरी में हाइवे पर एक दर्जन से भी अधिक स्थानों डेथ प्वाइंट बने हुए हैं। इसके साथ ही पूरे हाइवे पर न ही कहीं रिफ्लैक्टर लगा है और ना ही ट्रैफिक सिग्नल। ऐसे में आए दिन दुर्घटनाएं होती रहती हैं।

loksabha election banner

दुर्घटनाओं के आंकड़े बताते हैं कि यहां कभी भी यातायात की व्यवस्था ही सटीक नहीं रही है। सड़कों पर फर्राटा भरते वाहनों के बीच हर दिन दुर्घटनाएं होती हैं। इस दुर्घटना में हर वर्ष दर्जनों लोगों की जान जाती है, दर्जनों लोग प्रति वर्ष दुर्घटना में घायल होकर अपंग हो जाते हैं। बावजूद इसके दुर्घटनाओं पर लगाम के लिए कोई बेहतर व्यवस्था नहीं है। राष्ट्रीय उच्च पथ संख्या 28 पर अब तक कहीं भी यातायात संकेतक नहीं लगाया गया।

हाइवे पर दर्जन भर डेथ प्वाइंट

गोपालगंज : राष्ट्रीय उच्च पथ पर दर्जन भर स्थान पर डेथ प्वाइंट हैं। बथना मोड़ के अलावा कोन्हवां, भठवां मोड़, छवहीं, कोइनी, बरहिमा, महम्मदपुर तथा बढेया मोड़ जैसे कई स्थान हैं जहां पिछले पांच साल में एक सौ से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। मांझा थाना क्षेत्र की सीमा में स्थित कोइनी मोड़ को तो अंधा मोड़ के नाम से जाना जाता है। यहां कई लोग दुर्घटना में काल कलवित हो चुके हैं।

नियमों का पालन नहीं करते चालक

गोपालगंज : हाइवे सहित तमाम स्थानों पर होगी वाली दुर्घटनाओं की सबसे बड़ी वजह चालकों के यातायात नियमों का पालन नहीं करना है। वाहनों के परिचालन में नियमों का उल्लंघन व दोषी वाहन चालकों की पहचान कर उनपर कार्रवाई का अभाव इसका सबसे बड़ा कारण है। आलम यह है कि यहां यातायात के नियमों की जांच के नाम पर महज कोरम पूरा किया जाता है। इस व्यवस्था को दुरुस्त करने की कवायद आज तक नहीं की गई।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.