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ध्यान रखें, कहीं रंग बदरंग न कर दे चेहरा

गोपालगंज। फगुआ बयार के साथ होली अब हर किसी को अपने उमंग में बहाने लगी है। रंग-अबीर स

By Edited By: Published: Tue, 22 Mar 2016 03:07 AM (IST)Updated: Tue, 22 Mar 2016 03:07 AM (IST)
ध्यान रखें, कहीं रंग बदरंग न कर दे चेहरा

गोपालगंज। फगुआ बयार के साथ होली अब हर किसी को अपने उमंग में बहाने लगी है। रंग-अबीर से लेकर पिचकारियों के खरीदने का सिलसिला भी शुरू हो गया है। लेकिन जब होली पर ढोल-नगाड़े के साथ एक दूसरे पर रंग डालने को निकले, तो इस बात का ख्याल जरूर रखें कि कहीं रंग चेहरे को बदरंग न कर दे। फूलों से बनी रंग के साथ ही बाजार में केमिकल से बने रंग की दुकानें भी सज गयी हैं। अब, यह आपकी मर्जी है कि फूलों से बने रंग की होली खेले या केमिकल से बने रंग से अपनों की परेशानी बढ़ाएं।

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चिकित्सक बताते हैं कि हमेशा ही केमिकल से बने रंग त्वचा के लिए काफी हानिकारक होते हैं। हर साल होली की उमंग मनाने के बाद लोगों को त्वचा संबंधित बीमारियों से भी जूझना पड़ता है। चिकित्सक डा. एके प्रसाद कहते हैं कि त्वचा के साथ ही केमिकल रंग आंखों को भी काफी हानि पहुंचाते हैं। अगर भूल से यह रंग आंख में लगा गयी तो रोशनी जाने का भी खतरा बना रहता है। वे कहते हैं कि केमिकल वाले रंगों को लगाने के बाद आमतौर पर त्वचा में जलन, खुजली होने और आंखों के लाल होने की समस्या से लोगों को दो-चार होना पड़ता है। कभी-कभी चेहरे से लेकर शरीर के अन्य अंगों में फफोले भी पड़ जाते हैं। वे कहते हैं कि केमिकल से बने रंग के इस्तेमाल से सभी को बचना चाहिए, यह रंग स्वास्थ्य के लिए काफी हानिकारक होती है। उन्होंने कहा कि औषधीय पौधे और फूलों से बने रंग से कोई हानि नहीं होती है। यह रंग लगाने के बाद हल्के पानी से ही साफ हो जाता है और इसकी खुशबू भी दिलो दिमाग को तरोताजा रखती है।


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