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बहुरने लगे दिन, इस साल 693 तालाबों को होगा जीर्णोद्धार

गोपालगंज बात हथुआ में स्थित ऐतिहासिक टिकुली तालाब से शुरू करते हैं। इस तालाब की इस इलाक

By JagranEdited By: Published: Fri, 28 Jan 2022 09:44 PM (IST)Updated: Fri, 28 Jan 2022 09:44 PM (IST)
बहुरने लगे दिन, इस साल 693 तालाबों को होगा जीर्णोद्धार
बहुरने लगे दिन, इस साल 693 तालाबों को होगा जीर्णोद्धार

गोपालगंज : बात हथुआ में स्थित ऐतिहासिक टिकुली तालाब से शुरू करते हैं। इस तालाब की इस इलाके के लोगों के लिए धार्मिक मान्यता है। नया घर बनाने या किसी शुभ काम में इस तालाब की मिट्टी का उपयोग लोग दशकों से करते आ रहे हैं। समय के साथ तालाबों की उपेक्षा किए जाने का असर इस तालाब भी पड़ा। इसका अस्तित्व मिटने के कगार पर पहुंच गया है। तभी इस इलाके के लोगों ने इस तालाब की दशा सुधारने की पहल किया। लोगों के इस पहल का प्रशासन का भी साथ मिल गया। मनरेगा से इस तालाब का जीर्णोद्धार कराया गया। अब यह तालाब और इसके आसपास की हरियाली अपनी छटा बिखेर रही है। पानी से लबालब टिकुली तालाब तो मात्र उदाहरण भर है। सरकारी पहल तथा लोगों के प्रयास से अब फिर से तालाबों के दिन लौटने लगे हैं। अब जल संरक्षण अभियान को गति मिलने लगी है।

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जल जीवन हरियाली योजना के तहत जिले में 3100 तालाबों को चिन्हित किया गया है, जिनका जीर्णोद्धार किया जाएगा। पहले चरण में एक एकड़ से अधिक 887 तालाबों को चिन्हित कर उनका जीर्णोद्धार करने का काम बीते साल में शुरू किया गया। अब तब 194 तालाबों का जीर्णोद्धार का काम पूरा हो गया है। अब ये तालाब पानी से लबालब भर गए हैं। इस साल शेष 693 तालाबों का जीर्णोद्धार करने की प्रक्रिया चल रही है। पहले चरण का काम पूरा होने के बाद अगले चरण में शेष बचे सभी 2300 तालाबों की दशा सुधारने की दिशा में काम शुरू होगा। इसके साथ ही जिले की सभी 230 पंचायतों में एक एक माडल तालाब बनाने की दिशा में भी प्रशासनिक स्तर पर कवायद चल रही है। ऐसे में अब वह दिन दूर नहीं जब हर पंचायत में तालाब जी उठेंगे। इनमें साल भर लबालब पानी भरा रहेगा। मुकाम पर पहुंच रही वाटर हार्वेस्टिग की योजना

गोपालगंज : बारिश का पानी सहेजने के लिए वाटर हार्वेस्टिग योजना इस साल मुकाम तक पहुंचने की उम्मीद बढ़ गई है। पिछले साल शुरू की गई इस योजना के तहत सभी सरकारी भवनों में वाटर हार्वेस्टिग की व्यवस्था कर दी गई है। इसके साथ ही सभी स्कूलों में वाटर हार्वेस्टिग का काम पूरा हो गया है। अब निजी स्कूलों, निजी भवनों में वाटर हार्वेस्टिग की व्यवस्था को लेकर सरकारी प्रशासनिक स्तर पर लोगों को जागरूक करने की पहल की गई है। इस पहल के तहत अब शहरी क्षेत्र में उन्हीं मकान का नक्शा पास होगा जिनमें वाटर हार्वेस्टिग की व्यवस्था होगी।


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