गीत-संगीत में सुरीला कैरियर बना देव भूमि औरंगाबाद का नाम रोशन कर रहे युवा कलाकार
संगीत एक ऐसी विद्या है जो हृदय और मन की तार को झंकृत कर आनंद मग्न कर देती है। समस्त श्रृष्टि संगीतमय है। सृजन और संहार से लेकर हर जगह संगीत व्याप्त है। प्राचीन काल से अब तक संगीत अपने यथावत महिमा के साथ चलायमान है।
जागरण टीम, औरंगाबाद। संगीत एक ऐसी विद्या है जो हृदय और मन की तार को झंकृत कर आनंद मग्न कर देती है। समस्त श्रृष्टि संगीतमय है। सृजन और संहार से लेकर हर जगह संगीत व्याप्त है। प्राचीन काल से अब तक संगीत अपने यथावत महिमा के साथ चलायमान है। इस क्षेत्र में अब बड़ा परिवर्तन आया है। अब लोग इसे सिर्फ मनोरंजन का साधन ही नहीं, बल्कि कैरियर का बेहतरीन ऑप्शन तथा समाज में इज्जत,नाम, सोहरत एवं पैसा कमाने का मुख्य साधन मानने लगे है। युवा पीढ़ी का संगीत की ओर काफी लगाव व झुकाव दिख रहा है। युवा अब मोटी-मोटी किताबों के पन्नों में उलझकर सरकारी नौकरी को ही अपना कैरियर नहीं, बल्कि संगीत में भी असीम संभावनाओं को तलाश रहे है। संगीत के क्षेत्र में देश के युवा प्रतिभा निखरकर सामने आये है जो इस क्षेत्र से जुड़े नौनिहालों के लिए आईकॉन है। जिले के युवा भी पीछे नहीं है। अपने जिले के कुछ ऐसे युवा है जो संगीत को कैरियर के तौर पर लेकर अपना भविष्य गढ़ रहे है। साथ ही साथ जिले का नाम भी रौशन कर रहे है।
म्यूजिक डायरेक्टर बन मिली पहचान
औरंगाबाद के योद्धा नगर निवासी व म्यूजिक डॉयरेक्टर आकाश चौहान भोजपुरी म्यूजिक इंडस्ट्री में काफी कम दिनों में अपनी पहचान बना चुके है। कई एलबमों में संगीत देने के बाद अब फिल्म में संगीत देने वाले है। आकाश ने पंजाब से इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की और फिर दिल्ली व अन्य जगहों पर नौकरी भी की,लेकिन बचपन से संगीत के प्रति लगाव व मन में कुछ अलग करने का जुनून ने आकाश को नौकरी में टिकने नहीं दिया और वो संगीत निर्देशन के क्षेत्र में कूद पड़े। सैकड़ों भोजपुरी एलबमों में अपना संगीत देने के बाद अब फिल्मों में भी काम कर रहे है। आकाश बताते है कि समाज और परिवार संगीत को छोटा समझते है, लेकिन इसमें असीम संभावनाएं और वो लगातार इस क्षेत्र में आगे बढ़ रहे है।
दर्जनों युवाओं को दे रहे ट्रेनिंग
शहर के सत्येंद्र नगर निवासी सान्याल कुमार गिटार वादन में राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार प्राप्त कर चुके है। साथ ही बिहार में कई बार गिटार वादन में अव्वल आये है। 26 वर्षीय सान्याल खुद तो गिटार की साधना में लीन है ही साथ ही शहर के दर्जनों युवाओं को प्रशिक्षण भी दे रहे है। सान्याल के पास जिले के अलग-अलग क्षेत्र से दर्जनों युवा गिटार सीखने आते है। इसके अलावा वो सूबे के तमाम बड़े महोत्सव व मंचों पर अपनी प्रस्तुति देते है। सान्याल ने कहा कि उनकी इच्छा है कि युवा संगीत से जुड़े और इसमें अपना कैरियर बनाये। संगीत जीवन का अहम हिस्सा है।
रामध्यान ने तबला में बनाया अलग पहचान
तबला वादक रामध्यान गुप्ता को हर कोई जानता है। इनके यूटयूब चैनल से देश के विभिन्न अलग-अलग जगहों से ढ़ाई लाख से अधिक लोग जुड़े है। रामध्यान का यूटयूब चैनल स्थानीय कलाकारों के लिए एक बड़ा मंच है। वो अपने यूटयूब चैनल के जरीये केवल बिहार ही नहीं बल्कि उतरप्रदेश व अन्य राज्यों के गायकों और वादकों को भी अपनी कला का प्रस्तुति देने का मौका प्रदान करते है। हाल में उनके चैनल से रिलिज हुए सनोज सागर के गीत ऐसी लागी लगन गीत को दो मिलियन यानी 20 लाख से अधिक लोगों ने देखा है। उन्हें यूटयूब से रॉयलिटी भी मिलती है। रामध्यान ने बताया कि वो 2010 से संगीत के क्षेत्र में है। वैसे रामध्यान बड़े-बड़े संतों के साथ प्रवचन कार्यक्रम में तबला बजाते है।