Move to Jagran APP

गया में जमीन रजिस्ट्री का कार्य बंद, एक करोड़ का नुकसान, डाटा एंट्री ऑपरेटर को दिखाया बाहर का रास्ता

अपर निबंधन पदाधिकारी धर्मेंद्र कुमार ने कहा कि उन्हें मेल के जरिए प्रधान सचिव का एक आदेश प्राप्त हुआ था। जिसमें गया जिले के सभी 16 डाटा एंट्री ऑपरेटर को बाहर करने का आदेश मिला था। डाटा एंट्री ऑपरेटर को कोई लिखित आदेश नहीं दिया गया है।

By Prashant Kumar PandeyEdited By: Published: Sat, 29 Jan 2022 03:23 PM (IST)Updated: Sat, 29 Jan 2022 03:23 PM (IST)
गया में जमीन रजिस्ट्री का कार्य बंद, एक करोड़ का नुकसान, डाटा एंट्री ऑपरेटर को दिखाया बाहर का रास्ता
गया निबंधन कार्यालय में डाटा एंट्री ऑपरेटर धरना पर।

 जागरण संवाददाता, गया: गया में जमीन निबंधन का कार्य शनिवार को बंद रहा। निबंधन कार्य बंद रहने से निबंधन विभाग को करीब एक करोड़ रुपए की राशि का नुकसान सहना पड़ा है। साथ ही गया जिले के जिला मुख्यालय समेत चार अनुमंडल मुख्यालय में जहां निबंधन कार्यालय संचालित है वहां के डाटा एंट्री ऑपरेटर को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। यह आदेश निबंधन विभाग के प्रधान सचिव केके पाठक ने जारी किया है। जारी आदेश के बाद शनिवार को डाटा एंट्री ऑपरेटरों को काम करने नहीं दिया गया। इसके विरोध में डाटा एंट्री ऑपरेटर विभाग के खिलाफ धरना पर बैठे हैं। 

loksabha election banner

खाली पड़ी ऑपरेटर की कुर्सी

मौखिक आदेश दे कर कार्य से किया वंचित

ऑपरेटरों का कहना है कि उन्हें मौखिक आदेश दे कर डाटा एंट्री ऑपरेटर के कार्य से वंचित किया गया है। दूसरे जिला मुख्यालय में योगदान करने के लिए विभागीय अधिकारी ने उन्हें लिखित रूप से कोई निर्मित पत्र प्राप्त नहीं हुआ है। ऑपरेटरों ने विभागीय पदाधिकारी से मांग की है कि उन्हें दूसरे जिला में जहां के लिए विरमित किया गया है। वहां जाने के लिए विरमित पत्र दिया जाए। ताकि वहां जाकर पुनः कार्य का निष्पादन कर सकें। ऑपरेटरों की कार्य नहीं करने के कारण ऑपरेटरों को निष्कासित करने के बाद शनिवार को कोई रजिस्ट्री का कार्य नहीं हुआ है।

ऑपरेटरों को हटाने से निबंधन कार्य पर असर

बिहार दस्तावेज नेताओं का कहना है अचानक ऑपरेटरों को हटाने से निबंधन कार्य पर असर पड़ा है। पूर्व से रजिस्ट्री कार्य नहीं होगा ऐसी कोई जानकारी निबंधन कार्यालय से नहीं दी गई। अपितु ग्रामीण क्षेत्रों से काफी संख्या में लोग जमीन की खरीद बिक्री करने के लिए यहां पहुंचे थे। 108 लोगों का जमीन की रजिस्ट्री करने के लिए अपार्टमेंट लिया गया था। 108 जमीन की रजिस्ट्री से विभाग को करीब एक करोड़ रुपए की आय होती लेकिन रजिस्ट्री नहीं होने से इस राशि से विभाग वंचित रह गया है। 

मेल के जरिए प्रधान सचिव का एक आदेश प्राप्त होने का दिया हवाला

उन्होंने विभागीय अधिकारी से मांग की है कि तत्काल निबंधन कार्य कराया जाए ।

वहीं अपर निबंधन पदाधिकारी धर्मेंद्र कुमार ने कहा कि उन्हें मेल के जरिए प्रधान सचिव का एक आदेश प्राप्त हुआ था। जिसमें गया जिले के सभी 16 डाटा एंट्री ऑपरेटर को बाहर करने का आदेश मिला था। डाटा एंट्री ऑपरेटर को कोई लिखित आदेश नहीं दिया गया है । इसलिए मौखिक आदेश पर उन्हें निर्मित कर दिया गया है। उन्हें दूसरे जिले में योगदान करने का निर्देश दिया गया है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.