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डुमरी के जंगल में महिलाएं भी थीं नक्सली दस्ते में

गया। आमस थाना क्षेत्र के जंगली इलाके में कैंप किए हुए नक्सली दस्ते में महिला सदस्य भी थीं। वहां स

By JagranEdited By: Published: Mon, 18 Dec 2017 09:58 PM (IST)Updated: Fri, 22 Dec 2017 05:17 PM (IST)
डुमरी के जंगल में महिलाएं भी थीं नक्सली दस्ते में
डुमरी के जंगल में महिलाएं भी थीं नक्सली दस्ते में

गया। आमस थाना क्षेत्र के जंगली इलाके में कैंप किए हुए नक्सली दस्ते में महिला सदस्य भी थीं। वहां से जो सामान बरामद किए गए हैं, उसमें साड़ी, सूट आदि भी हैं। इससे अनुमान लगाया जा रहा है कि महिला नक्सली भी दस्ते में शामिल थीं।

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वहां नक्सलियों के ठहरे होने की सूचना पर नक्सल एसपी अरुण कुमार सिंह के नेतृत्व में कोबरा और सीआरपीएफ की टीम ने रविवार को वहां कूच किया था। वहां से वर्दी सहित काफी सामान मिले हैं। टीम नक्सलियों को दबोचने के लिए जंगल में गई थी। औरंगाबाद के नक्सल एसपी राजेश कुमार के नेतृत्व में भी मदनपुर की सीमा से पुलिस जवानों को जंगल की ओर भेजा गया। दोनों ओर से सर्च ऑपरेशन के दौरान वहां से 27 आईडी बम भी बरामद किए गए थे। जवान जब डुमरी नाला जंगल से आगे बन्दरी झूला पहाड़ी के समीप से गुजर रहे थे तो बम लगे होने का संदेह हुआ। जवानों ने इसकी सूचना तुरंत एसपी अरुण कुमार सिंह को दी। उन्होंने जवानों को तत्काल उस रास्ते से हटने का निर्देश दिया। इस बीच पहाड़ पर मौजूद रहा नक्सली दस्ता बड़ी संख्या में पुलिस बल को देख भाग निकला। पुलिस ने पहाड़ को घेरकर चारों ओर से सर्च अभियान चलाया। नक्सल एसपी अरुण सिंह ने बताया कि नक्सली जहां ठहरे हुए थे, वहां से वर्दी, साड़ी, सूट, कई जोड़े जूते, और दवा आदि बरामद की गई है। पुलिस को सूचना मिली थी कि नक्सली हार्डकोर संजीत भुइया के नेतृत्व में वहां जमे हुए हैं। नक्सलियों का दस्ता जिस स्थान पर था, वह जंगली इलाका इमामगंज थाना क्षेत्र में पड़ता है।

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नक्सलियों की जाल में फंसने से बचे जवान

सर्च अभियान में गए जवानों को सख्त निर्देश था कि वे किसी भी हाल में जंगल के लिंक वाले रास्ते से नहीं गुजरेंगे। जवानों ने बात मानी और जंगली क्षेत्र के लिंक वाले रोड से नहीं गुजरे। उससे अलग हटकर चल रहे जवानों ने ही देखा कि एक लिंक रोड पर आईटी विस्फोटक लगा हुआ है। जब जांच की गई तो 27 आईडी बम लिंक रोड में पाया गया। नक्सल एसपी का यह सुझाव काम कर गया, अन्यथा किसी बड़ी घटना से इन्कार नहीं किया जा सकता है। दस्ता जवानों के हर मूवमेंट को पहाड़ के ऊपर से देख रहा था। जब नक्सलियों ने देख लिया कि जवान इस जाल में नहीं फंसे तो वे भाग निकले। पिछले वर्ष इसी जंगली क्षेत्र में कोबरा के जवानों का एक लिंक रोड से गुजरना काल बन गया था।

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ब्लास्ट से थर्रा उठा इलाका

जंगल से बरामद सभी 27 आईडी बम को जब बंदरी झूला जंगल में डिफ्यूज किया गया तो इलाका विस्फोट से थर्रा उठा। 11 कैंडीफोर्स किए गए बम से बंदरी झूला जंगल के अलावे आसपास के जंगली क्षेत्र तक इसकी धमक पहुंची।


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