महिलाओं ने छुड़ाई शराब, खुद संभाल ली दुकान
अमित कुमार सिंह, बाराचट्टी महिलाएं ग्रामीण इलाकों में व्यवसाय का संचालन खुद कर रही हैं। यह
अमित कुमार सिंह, बाराचट्टी
महिलाएं ग्रामीण इलाकों में व्यवसाय का संचालन खुद कर रही हैं। यह थोड़ा चौंकाता है, पर नारी सशक्तीकरण की मिसाल के रूप में इसे प्रखंड क्षेत्र में देखा जा सकता है।
प्रखंड के गोसाई पेसरा गाव में सत्यम जीविका महिला संकुलस्तरीय संघ समूह की सचिव संजू देवी ने एक शुरुआत की और महिलाएं इससे जुड़ती चली गई। संजू के पति शंकर साव भी उन्हें बढ़-चढ़कर सहयोग कर रहे। जिन गांवों में कभी शराब बिकती थी, वहां शराबबंदी के बाद महिलाओं को आगे बढ़ने का खूब अवसर मिला। आय के जरिए की तलाश में उन्होंने खुद कदम बढ़ाए और इसका सुखद परिणाम भी दिख रहा है।
स्ाजू देवी आज 114 महिला समूह का संचालन कर रही हैं। उनके साथ 1596 महिलाएं जुड़ी हैं। प्रत्येक महिला हर माह चालीस रुपये जमा करती हैं। इन समूहों की विभिन्न गांवों व मोहल्लों में बैठक होती है। वहां संजू, समिति की अध्यक्ष तेतरी देवी और कोषाध्यक्ष पार्वती भी जाती हैं। लेकिन संजू की सक्रियता देखते बनती है। वे कहती हैं कि कक्षा नौ तक की पढ़ाई की है, हिसाब-किताब में दिक्कत नहीं होती। जरूरत पड़ने पर समूह की सदस्यों को समिति से एक प्रतिशत ब्याज दर पर ऋण भी दिया जाता है। संजू देवी की पहल पर ही आज पचास महिलाएं खुद का व्यवसाय कर रही हैं। संजू ने उन महिलाओं को 40-40 हजार का ऋण दिलवाया। जिनके पति को कभी शराब की लत थी, वह भी छूट गई। संजू कहती हैं कि उन्होंने खुद भी दुकान खोली। उनके साथ अन्य महिलाएं भी किराना दुकान, सौंदर्य प्रसाधन आदि की दुकानें चला रही हैं। इनमें अधिसंख्य परिवार वैसे हैं, जिनकी आर्थिक स्थिति बहुत खराब थी। संजू कहती हैं, मेरे पति को भी शराब की लत थी। दो बेटियों और एक बेटे के पालन-पोषण में काफी परेशानी हो रही थी। आज सब कुछ अच्छा चल रहा है। आधा से ज्यादा कर्ज भी अदा कर दिया है।