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साइंस, कॉमर्स की पढ़ाई भी नहीं पा रहीं इस महिला कॉलेज की छात्राएं, ऐसे में कैसे सशक्‍त बनेंगी बेटियां

डेहरी ऑन सोन में स्थित महिला कॉलेज डाल‍मियानगर में विज्ञान और वाणिज्‍य विषयों की पढाई नहीं हो रही है। पीजी की पढ़ाई भी नहीं होती। इस कारण क्षेत्र की बेटियां मनपसंद विषयों की शिक्षा ग्रहण नहीं कर पा रही हैं।

By Vyas ChandraEdited By: Published: Sat, 28 Nov 2020 09:09 AM (IST)Updated: Sat, 28 Nov 2020 09:09 AM (IST)
साइंस, कॉमर्स की पढ़ाई भी नहीं पा रहीं इस महिला कॉलेज की छात्राएं, ऐसे में कैसे सशक्‍त बनेंगी बेटियां
डेहरी ऑन सोन में महिला कॉलेज डालमियानगर का भवन। जागरण

उपेंद्र मिश्र,रोहतास। डेहरी अनुमंडल क्षेत्र की बेटियां विज्ञान, वाणिज्य के साथ ही स्‍नातकोत्‍तर तक की पढ़ाई से वंचित हैं। अनुमंडल मुख्यालय में विश्‍वविद्यालय का एकमात्र महिला कॉलेज डालमियानगर में है। लेकिन यहां 2019 से विज्ञान व वाणिज्य पढ़ाई बंद है। इस कारण बड़ी संख्‍या में छात्राएं मनपसंद विषय नहीं पढ़ पा रही हैं। हालांकि पीजी में दो विषयों की पढ़ाई अगले सत्र से शुरू होने की उम्‍मीद है।

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शहर के एसपी कोठी के सामने जल संसाधन विभाग से मिली साढ़े तीन एकड़ भूमि पर महिला कॉलेज है। 1965 में नाइट ट्यूटोरियल गर्ल्स कॉलेज के नाम से यह अस्तित्‍व में आया। इस कॉलेज को 1979 में महिला कॉलेज डालमियानगर के रूप में मान्‍यता मिली। इस कॉलेज को सरकार ने महिला शिक्षा के विकास के विकास के दृष्टिकोण से अंगीभूत कर लिया। पहले यह कालेज डालमियानगर बालिका उच्च विद्यालय में शाम में चलता था। वर्ष 2004 में इस कॉलेज को भूमि मिली । तब से यह कालेज यहां संचालित हो रहा है ।

नैक से ग्रेड प्राप्‍त करने वाले इस कॉलेज में हैं पर्याप्‍त संसाधन

वीर कुंवर सिंह विश्‍वविद्यालय के इस कॉलेज को नैक से ग्रेड प्राप्त करने वाला पहला कालेज बनने का गौरव प्राप्‍त है। राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान (रूसा)  के तहत भी यह चयनित है। कॉलेज परिसर में स्मार्ट क्लास रूम, ई लाइब्रेरी, खेल मैदान, कैंटीन, जिम, 100 बेड का जननायक कर्पूरी पिछड़ा अतिपिछड़ा बालिका छात्रावास, विज्ञान की प्रयोगशाला और अत्याधुनिक सभागार भी है।

वर्ष 2014 में विज्ञान व वाणिज्‍य की पढ़ाई की मिली थी अनुमति

विश्‍वविद्यालय ने इस कॉलेज में सेल्फ फाइनेंस के तहत 2014 में विज्ञान व वाणिज्‍य विषयों की पढ़ाई की अनुमति दी थी। छात्राओं का नामांकन भी हुआ। इसके बाद गेस्ट फैकेल्टी के शिक्षकों को रख पढ़ाई शुरू कराई गई। लेकिन यह 2019 में बंद कर दी गई।

लंबे समय से जनप्रतिनि‍धि और अभिभावक करते रहे हैं मांग

स्थानीय जनप्रतिनिधियों व विभिन्न संगठनों ने इस कॉलेज में विज्ञान, वाणिज्य, पीजी व व्यवसायिक विषयों की मांग उठाई। अभिभावकों ने भी इसकी मांग की है।  भाजपा नेता व पूर्व विधायक सत्यनारायण सिंह ने मुख्यमंत्री से फरवरी में यहां विज्ञान वाणिज्य, बीसीए व पीजी की पढ़ाई की मांग की थी। इस सत्र से यहां बीसीए की पढ़ाई शुरू हुई है। डेहरी चैंबर ऑफ कॉमर्स के पूर्व अध्यक्ष सच्चिदानंद प्रसाद ने भी हाल ही में साइंस व कॉमर्स विषयों की पढ़ाई शुरू कराने की मांग की है।

पीजी के दो विषयों में अगले सत्र से शुरू होगी पढ़ाई

महिला कॉलेज के प्राचार्य डॉ सतीश नारायण लाल कहते हैं कि इस कॉलेज में पदस्थापना के बाद से ही वे साइंस, कॉमर्स व पीजी की पढ़ाई शुरू कराने के लिए प्रयासरत हैं। पीजी के दो विषयों की पढ़ाई के लिए विवि की टीम निरीक्षण भी कर चुकी है। उन्होंने उम्मीद जताई कि अगले सत्र से इसकी पढ़ाई शुरू हो जाएगी।

उन्होंने कहा कि कुलपति को पत्र भेजकर साइंस व कॉमर्स की पढाई शुरू कराने की मांग की गई है। बीसीआइ में नामांकन भी जारी है।


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