Bihar: यहां धनवान लोग भी करने लगे मनरेगा में मजदूरी, जानिए उनके सामने क्यों आ गई ऐसी मजबूरी
औरंगाबाद के नबीनगर में मनरेगा में घोटाले का मामला सामने आया है। अपर एसडीओ की जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि ऐसे लोगों का नाम मस्टर रोल में दर्ज है जो साधन संपन्न हैं व्यवसायी हैं गैस सप्लायर हैं।
मनीष कुमार, औरंगाबाद। नबीनगर प्रखंड के महुआंव पंचायत में साधन संपन्न लोगों को मनरेगा में मजदूरी (Wages in MNREGA) करनी पड़ी। दरअसल यह हकीकत नहीं बल्कि कागज पर हुआ है। यहां धनवानों को भी मनरेगा में मजदूर दिखाकर पैसे की निकासी कर ली गई है। डीडीसी अंशुल कुमार के निर्देश पर इस मामले की जांच अपर अनुमंडल पदाधिकारी मालती कुमारी ने की। पंचायत के वार्ड नंबर 13 में की गई जांच में साधन संपन्न लोगों को मनरेगा मजदूर दिखाकर गबन किए जाने की बात सामने आई। जांच रिपोर्ट डीडीसी काे सौंप दी गई है। अब समय है कार्रवाई की।
जो घर से निकलतीं भी नहीं उन्हें भी बना दिया मजदूर
अपर अनुमंडल पदाधिकारी ने जांच रिपोर्ट में साधन संपन्न लोगों को मनरेगा का मजदूर बनाकर सरकारी राशि गबन करने का मामला का उल्लेख किया है। अपर अनुमंडल पदाधिकारी ने बताया कि शिकायती आवेदन के आलोक में डीडीसी के निर्देश पर वार्ड 13 में डोर टू डोर जाकर जांच की गई। जांच के दौरान पाया गया कि कुछ वैसे लोग जो सुखी संपन्न हैं पर उनका नाम मनरेगा में मजदूरी के मस्टर रोल में दर्ज है। मस्टर रोल के आधार पर ही मजदूरी की निकासी होती है। मस्टर रोल में कुछ वैसी महिलाओं का नाम दर्ज है जो अपने घर से निकलती नहीं। जिन लोगों का नाम मस्टर रोल में पाया गया उनके पक्के मकान थे। घर में सोफा, गद्दा तक था।
गैस सप्लायर भी करने लगे मजदूरी
अपर अनुमंडल पदाधिकारी ने बताया कि विनय तिवारी का नाम मस्टर रोल में दर्ज है जो गैस सप्लायर हैं। पक्का मकान है। रमेश तिवारी के नाम पर पैसे की निकासी की गई है पर पूछताछ में पत्नी ने बताया कि उनके घर में किसी ने मनरेगा में काम नहीं किया है। जिन महिलाओं के नाम पर पैसे की निकासी की गई है बताया कि वे घर से बाहर नहीं निकली हैं और मनरेगा में मजदूरी नहीं की हैं। अन्य ग्रामीणों जिनका मास्टर रोल में नाम लिखकर पैसे की निकासी की गई है वे व्यापार करने वाले पाए गए हैं। उधर डीडीसी ने बताया कि जांच रिपोर्ट मिली है। कार्रवाई की जाएगी।