किसके सिर सजेगा दाउनगर नप के मुख्य पार्षद का ताज, दो पूर्व चेयरमैन की पुत्रवधुओं में होगा मुकाबला
दाउदनगर के नगर परिषद के 17वें मुख्य पार्षद का चुनाव चार मार्च को होगा। इसको लेकर राजनीति गरमाई हुई है। रणनीतिक गठजोड़ तेज हो गई है। इस बार नगरपालिका के दो पूर्व चेयरमैन की पुत्रवधू के बीच मुकाबला होगा।
संवाद सहयोगी, दाउदनगर (औरंगाबाद)। दाउदनगर शहर में नगर परिषद की राजनीति गरमाई हुई है। राजनीतिक दांव-पेच का हर आयाम शहर में दिख रहा है। राजनीतिक चौसर बिछा हुआ है। दो दिन बाद इस राजनीतिक हलचल का परिणाम सामने आएगा। चार मार्च गुरुवार को मुख्य पार्षद और उप मुख्य पार्षद का चुनाव होना है। इस तरह से 17वें मुख्य एवं उपमुख्य पार्षद का इंतजार नगर परिषद की जनता को है।
चरम पर है राजनीतिक तापमान
निवर्तमान मुख्य पार्षद सोनी देवी के मुकाबले मीनू सिंह होंगी। सोनी देवी 1972 से 77 तक चेयरमैन रहे जमुना प्रसाद स्वर्णकार की पुत्रवधू हैं। वहीं 1978 से 1983 तक चेयरमैन रहे शिव शंकर सिंह की पुत्रवधू मीनू देवी हैं। मीनू वर्ष 2012 से 2017 तक उप मुख्य पार्षद रहे कौशलेंद्र कुमार सिंह की पत्नी हैं। वर्तमान में पति-पत्नी दोनों पार्षद हैं। महत्वपूर्ण है कि वर्ष 1885 में दाउदनगर को नगरपालिका बनाया गया था। तब से लेकर 1937 तक यहां के चेयरमैन पदेन एसडीओ सिंचाई प्रमंडल दाउदनगर या औरंगाबाद अनुमंडल पदाधिकारी हुआ करते थे। वर्ष 1938 में पहली बार चुनाव के जरिए चेयरमैन चुने गए। पहले चेयरमैन बने सूरज नारायण सिंह। तब से लेकर 16 बार चुनाव हो चुका है। चार मार्च को 17 वीं बार चुनाव होगा। इस बार किसके सिर पर मुख्य पार्षद का ताज सजेगा यह तो गुरुवार को तय होगा लेकिन उससे पहले राजनीति चरम पर है। रणनीतियों का सिलसिला चल रहा है।
अब तक के 16 चेयरमैन
वर्ष - चेयरमैन
1938 - सूरज नारायण सिंह
1942 - खान बहादुर सैयद मोहम्मद
1945 - रायबहादुर जगदेव मिश्रा
1948 -हजारी लाल गुप्ता
1951 - कुलदीप सहाय
1953 - मुरारी मोहन राय
1958 से 1972 - रामप्रसाद लाल
1972 -जमुना प्रसाद स्वर्णकार
1978 - शिव शंकर सिंह
1986 - चंद्रमोहन प्रसाद तांती
2002 - नारायण प्रसाद तांती
2005 - सावित्री देवी
2007 - परमानंद प्रसाद
2012 - धर्मेंद्र कुमार
2014 - परमानंद प्रसाद
2018 - सोनी देवी