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Rohtas: कोरोनावायरस ने गेंहू की बिक्री पर भी लगाया ग्रहण, किसानों को नहीं मिल रहे खरीदार

गेहूं का समर्थन मूल्‍य 1975 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित हैै। लेकिन अभी तक पैक्‍सों में खरीदारी शुरू नहीं हुई है। इस कारण किसान खुले बाजार में कम कीमत पर गेहूं बेचने को मजबूर हैं। इस कारण उनमें निराशा है।

By Vyas ChandraEdited By: Published: Thu, 22 Apr 2021 10:38 AM (IST)Updated: Thu, 22 Apr 2021 10:38 AM (IST)
Rohtas: कोरोनावायरस ने गेंहू की बिक्री पर भी लगाया ग्रहण, किसानों को नहीं मिल रहे खरीदार
कोरोनावायरस की वजह से नहीं हो रही गेहूं की खरीदारी। प्रतीकात्‍मक फोटो

सासाराम (रोहतास), जागरण संवाददाता । कोरोना वायरस ने किसानों की समस्या को और बढ़ा दिया है। गेहूं के खरीदार नहीं मिलने से वे औने-पौने दाम पर बेचने के लिए विवश हैं। सहकारिता विभाग (Co Operative Department) ने पैक्सों को गेंहू खरीदने के लिए अधिकृत कर दिया है बावजूद खरीदारी नहीं हो पा रही है। इसके चलते किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं मिल पा रहा है। समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीद नहीं होने से जिले के किसान मजबूरन अपनी मेहनत से उगाई हुई गेहूं की फसल को खुले बाजारों में आढ़तियों व बिचौलियों के हाथ बेचने को विवश हैं। हाड़ तोड़ मेहनत के बाद भी उसके अनाज का उचित दाम नहीं मिलने से एकबार फिर अन्नदाता निराश हैं।

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1975 रुपये प्रति क्विंटल है न्यूनतम समर्थन मूल्य 

वर्ष 2021 में सरकार ने गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1975 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है। लेकिन सरकार की एजेंसियों से खरीद शुरु नहीं किए जाने से किसानों को मजबूरी में बिचौलियों को 1600 से 1650 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से बेचना पड़ रहा है। इससे किसानों को लगभग साढ़े तीन सौ रुपए प्रति क्विंटल का नुकसान उठाना पड़ रहा है। अब तक जिले में गेहूं की खरीद किसी एजेंसी द्वारा नहीं किए जाने से बिचौलिए हावी हो गए हैं।

धान का मूल्‍य नहीं मिला तो गेहूं से थी काफी उम्‍मीद 

किसानों का कहना है कि धान का मूल्य भी नहीं मिलने के बाद में गेहूं की खेती से काफी उम्मीद थी, लेकिन  किसानों को महज 16 सौ से साढ़े 16 सौ रुपये की दर से गेहूं का दाम मिल रहा है। जबकि, सरकार ने गेहूं के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य 1975 रुपये प्रति क्विंटल का दर निर्धारित कर रखा है। किसानों ने बताया कि गेहूं की खेती में प्रति एकड़ करीब 10 हजार रुपये का खर्च आता है। ज्यादातर किसान कर्ज लेकर ही खेती करते हैं। इसलिए फसल कटने के साथ ही वे उत्पाद को बेचने की कोशिश शुरू कर देते हैं।

जल्‍द शुरू हो जाएगी खरीदारी 

जिला सहकारिता पदाधिकारी समरेश कुमार ने बताया कि जिले में किसानों से गेहूं खरीद की तैयारी शुरू कर दी गई है। गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1975 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है। जल्द ही सरकार द्वारा निर्धारित समर्थन मूल्य पर सभी किसानों से गेहूं खरीद शुरू हो जाएगी।


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