पिता ने की मां की हत्या पर इन बिलखते मासूमों का क्या कसूर? हिला कर रख देगी बिहार के औरंगाबाद की यह घटना
बिहार के गया में पति ने पत्नी को काट डाला। पत्नी की मौत के बाद अब पति जेल में है और दंपती के तीन मासूम बच्चे भूखे-प्यासे घर में बिलख रहे हैं। आरोपित के माता-पिता का भी यही हाल है। उन्हें देखने वाला कोई नहीं है।
औरंगाबाद, जागरण संवाददाता। घटना हत्या की है। आरोपित पति को गिरफ्तार कर लिया गया है। लेकिन कहानी का दूसरा पहलू आपको सोचने को विवश कर देगा। औरंगाबाद के ढिबरा थाना क्षेत्र के लीलजी गांव में अमित भुइयां उर्फ धर्मेंद्र भुइयां ने बीते 24 मई को अपनी पत्नी अंजली देवी (27 वर्ष) को टांगी से वार कर जख्मी कर दिया था। बीते शनिवार को घायल पत्नी की मौत गया मगध मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में इलाज के दौरान हो गई। पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए 25 मई को अतिम को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। अब मां की मौत और पिता की जेल चले जाने के बाद उनके तीन मासूम बच्चों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया है। घर में रह रहे आरोपित के बुजुर्ग मां-बाप की हालत भी दयनीय हो गई है। उनकी की परवरिश कौन करेगा, इसका सवाल खड़ा हो गया है।
पहाड़ बनी मासूम बच्चों के साथ बुजुर्ग मां एवं बाप की भी जिंदगी
मामला हत्या का है, जिस कारण आरोपित का जेल से निकलना मुश्किल हो गया है। ऐसे में तीनों मासूम बच्चों के साथ आरोपित के बुजुर्ग मां एवं बाप की जिंदगी भी पहाड़ बन गई है। ग्रामीणों ने बताया कि आरोपित अमित ही माता-पिता की देखभाल करता था। उसके जेल जाने के बाद पूरे परिवार के समक्ष भोजन तक की समस्या उत्पन्न हो गई है।
सवाल यह कि बच्चे तो ननिहाल चले जाएंगे, मां-बाप का क्या होगा?
उधर ढिबरा थाना के प्रभारी थानाध्यक्ष सूर्यवंश कुमार ने बताया कि मृतक महिला का शव घर से कब्जे में लेकर रविवार को पोस्टमार्टम कराया गया। इसके बाद शव स्वजनों को सौंप दिया गया। पोस्टमार्टम के समय मृतका के पिता मौजूद थे। पुलिस के अनुसार अगर मृतका के तीनों बच्चों को ननिहाल ले जाया जाएगा, तभी उनकी जिंदगी बचेगी। कारण यह कि तीनों छोटे हैं। वे न तो खाना बना सकते हैं, न ही अपना दैनिक कार्य कर सकते हैं। ग्रामीणों ने कहा कि बच्चों की परवरिश तो ननिहाल में हो सकती है , लेकिन आरोपित के बुजुर्ग माता-पिता का क्या होगा?