नवादा में इतनी मौतों का कारण कहीं डिनेचर्ड स्पिरीट तो नहीं, केमिकल जांच रिपोर्ट से होगा पर्दाफाश
नवादा में 15 लोगों की मौत की वजह जहरीली शराब बनी या नहीं इस बात की पुष्टि केमिकल जांच से होगी। बहरहाल आशंका जताई जा रही है कि शराब में डिनेचर्ड स्पिरीट का इस्तेमाल किया गया होगा। यह अत्यंत जहरीला होता है।
नवादा, संवाद सहयोगी। Bihar Hooch Tragedy नगर थाना क्षेत्र में जहरीली शराब से मौत के मामले में कुछ नए तथ्य उभर कर सामने आ रहे हैं। कहा जा रहा है कि डिनेचर्ड स्प्रीट (Denatured Spirit) से निर्मित देसी शराब ही 15 मौतों की वजह बनी। हालांकि अभी बस संभावना है। केमिकल जांच रिपोर्ट के बाद ही इसकी पुष्टि हो सकती है।
जानकारी के अभाव में करते हैं डिनेचर्ड स्पिरीट का उपयोग
गौरतलब है कि शराबबंदी लागू होने के बाद जिले के कई स्थानों पर चोरी-छिपे देसी शराब का निर्माण किया जा रहा है। हाल के दिनों में मिनी शराब फैक्ट्री का भंडाफोड़ भी हुआ है। ऐसे फैक्ट्री चलाने वालों को स्पिरीट की सही परख नहीं होती है। संभावना जताई जा रही है कि शराब बनाने में ये लोग डिनेचर्ड स्पिरीट का इस्तेमाल किया गया होगा। इससे निर्मित शराब को पीने से जान चली गई तो कुछ की आंखों की रोशनी चली गई।
कीटनाशक दवा, पेंट आदि में होता है उपयाेग
एक अधिकारी ने बताया कि डिनेचर्ड स्प्रीट का इस्तेमाल कीटनाशक दवा, पेंट आदि बनाने में किया जाता है। यह मानव शरीर के लिए घातक होता है। चर्चा है कि धंधेबाजों ने होली के अवसर पर शराब बनाने के लिए बड़ी मात्रा में इसकी तस्करी की गई। यह अत्यधिक नशीला होता है। शराब निर्माण में उपयोग में आने वाली स्टेरलाइज्ड स्पिरीट के साथ डिनेचर्ड स्पिरीट की खेप भी पहुंच गई होगी। लिहाजा इससे निर्मित शराब पीने से कई लोग असमय काल के गाल में समा गए। सूत्र बताते हैं कि पश्चिम बंगाल और झारखंड से स्पिरीट की आवक होती है।
जांच में गोरखधंधे का हो सकता है राजफाश
शराब से मौत मामले में जांच में इस खेल में कई अहम बातें सामने आ सकती हैं। स्पिरीट की तस्करी में इंट्री माफिया का भी अहम रोल है। चर्चा है कि इंट्री माफिया की जांच चौकी से लेकर विभिन्न थानों की पुलिस के साथ मिलीभगत होती है। अवैध तरीके से शराब, स्पिरीट समेत अन्य प्रतिबंधित या ओवरलोडेड सामान लदे वाहनों की इंट्री के एवज में मोटी रकम खर्च की जाती है। चर्चा यह भी है कि होली पर्व में शराब की खपत को देखते हुए दो महीने पहले से स्पिरीट, शराब आदि स्टॉक किया जा रहा था। चूंकि पर्व-त्योहार के अवसर पर जिला प्रशासन की सख्ती काफी बढ़ जाती है। शिकंजा कसना शुरू कर दिया जाता है। इस बार भी ऐसा ही हुआ। लिहाजा दो महीने पहले से स्प्रीट की खेप मंगा ली गई थी। ताकि उसे पकड़ा नहीं जा सके। इसमें इंट्री माफिया की भी भूमिका रही।
जल्द उठ सकता है रहस्य से पर्दा
शराब से मौत मामले को जिला प्रशासन ने काफी गंभीरता से लिया है। मामले की जांच चल रही है। धंधेबाजों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है। पुलिस की तरफ से अहम सबूत मिलने का दावा भी किया जा रहा है। ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही पूरे मामले पर रहस्य से पर्दा उठ जाएग और मौत के सौदागर सलाखों के पीछे होंगे। एक सौ से अधिक धंधेबाजों को जेल भेज दिया गया है।