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औरंगाबाद में पुलिस टीम पर हमला कर आरोपितों को ग्रामीणों ने छुड़ाया, घायल दारोगा पटना रेफर

औरंगाबाद हत्या के आरोपितों को पकड़ने गई पुलिस की टीम पर गांव वालों ने हमला किया है। इस हमले में दारोगा गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। बेहतर इलाज के लिए दारोगा को पटना रेफर किया गया है।

By Rahul KumarEdited By: Published: Fri, 28 Jan 2022 06:19 AM (IST)Updated: Fri, 28 Jan 2022 03:03 PM (IST)
औरंगाबाद में पुलिस टीम पर हमला कर आरोपितों को ग्रामीणों ने छुड़ाया, घायल दारोगा पटना रेफर
औरंगाबाद में पुलिस टीम पर हमला। सांकेतिक तस्वीर

 संवाद सहयोगी, दाउदनगर (औरंगाबाद) ।दाउदनगर थाना क्षेत्र के नान्हू बिगहा स्थित बालू घाट संख्या 24 पर बीते 21 जनवरी को हुई हत्या के मामले में आरोपित को गिरफ्तार करने गई पुलिस पर ग्रामीणों ने हमला किया। पुलिस दो आरोपितों को गिरफ्तार कर चुकी थी कि तभी ग्रामीणों ने हमला कर दोनों को छुड़ा लिया। इस बीच ग्रामीणों ने पत्थरों और लोहे से हमला किया। इस हमले में सब इंस्पेक्टर बीरेंद्र पासवान गंभीर रूप से घायल हो गए। दाउदनगर औरंगाबाद रोड में हाइवे किनारे स्थित अरविंद हॉस्पिटल में उनका प्राथमिक उपचार किया गया।

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जानकारी के मुताबिक गुरुवार की रात करीब 9:08 बजे उन्हें यहां से बेहतर इलाज के लिए पटना रेफर किया गया। जानकारी के अनुसार हत्याकांड में दो आरोपितों को शमशेरनगर के पीड़ी मुहल्ला में गिरफ्तार करने गई पुलिस की संख्या कम थी। दो आरोपितों को पकड़  लिया गया था। ग्रामीणों ने हमला कर दोनों को छुड़ा लिया।वीरेंद्र पासवान गुप्त सूचना के आधार पर छापेमारी करने तब उनके साथ मात्र 1-4 की पुलिस टीम थी। पुलिस का कहना है कि गुप्त सूचना के आधार पर कार्रवाई करने के लिए इतना वक्त नहीं था कि अन्य थानों की पुलिस बुलाई जा सके। हालांकि घटना के तत्काल बाद हसपुरा समेत कई थानों की पुलिस अरविंद अस्पताल पहुंची। घायल वीरेंद्र पासवान के महिला रिश्तेदारों का रो रो कर बुरा हाल था।

अस्पताल सूत्रों के अनुसार लोहे के किसी भारी सामग्री से उनके सिर के ऊपर चोट लगी। जिससे वह  गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। उनका दायां कान, नाक और मुंह पर चोट आई है। प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें बेहतर इलाज के लिए रेफर कर दिया गया। अस्पताल सूत्रों के अनुसार घायल की स्थिति गंभीर है। पुलिस मामले में कुछ भी बताने से परहेज कर रही है क्योंकि सभी की पहली प्राथमिकता घायल को बड़े अस्पताल पहुंचाने की थी। सूत्रों के अनुसार यदि अन्य पुलिसकर्मी शीघ्र ही आरोपितों को छोड़कर घायल बीरेंद्र पासवान को लेकर नहीं भागते तो हादसा और बड़ी हो सकती थी। कई घायल हो सकते थे।


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