नाले के पानी से बुझ रही ग्रामीणों की प्यास
गया। बाराचट्टी प्रखंड के पत्थलगढ़ी गांव के केडियामउ टोला के अनुसूचित जाति बस्ती के लोग नाला के बगल में कच्चा कुआं खोदकर प्यास बुझा रहे हैं। कुआं नाला के बगल में होने के कारण उसमें गंदा पानी रिसकर जाता है।
गया। बाराचट्टी प्रखंड के पत्थलगढ़ी गांव के केडियामउ टोला के अनुसूचित जाति बस्ती के लोग नाला के बगल में कच्चा कुआं खोदकर प्यास बुझा रहे हैं। कुआं नाला के बगल में होने के कारण उसमें गंदा पानी रिसकर जाता है। यही कारण है कि इस बस्ती के लोग आएदिन डायरिया-बुखार आदि संक्रामक बीमारियों से पीड़ित रहते हैं। इन लोगों के दर्द को सुनने वाला कोई नहीं है।
इस बस्ती में एक भी चापाकल नहीं है। सबसे बड़ी बात कि प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजना नल-जल योजना इस नहीं पहुंची है। बस्ती के लोग अपनी इस ज्वलंत समस्या को जनप्रतिनिधियों को सुनाते-सुनाते थक चुके हैं लेकिन किसी के कानों पर जूं नहीं रेंगा। निराश होकर ग्रामीण अब यह कहने लगे हैं कि अब किसी के पास नहीं जाएंगे। भगवान के भरोसे अपना जीवन छोड़ दिए हैं। बस्ती के लोग कहते हैं कि ईश्वर को जो मंजूर होगा वहीं होगा, क्योंकि इस गंदे पानी पीने के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं है। अब कहीं नहीं जाऊंगी किसी के पास:
केडिया नाला में स्थित कुएं के पास मालो देवी अपने बच्चों के हाथ-पैर धो रही थीं। काजल देवी कुआं से पानी निकाल रही थीं। दोनों बताती हैं कि हम लोगों को पीने के लिए शुद्ध पानी नहीं मिल रहा है। यहां चापाकल के लिए पूर्व के सांसद, विधायक से लेकर बीडीओ से मिल चुकी हूं लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।
गुड़िया देवी कहती हैं कि कुआं के पानी से बदबू आता है। पहले दो-तीन बाल्टी पानी निकालकर फेंकती हूं, इसके बाद उपयोग करती हूं।
-गंदा पानी पीने के कारण बस्ती के लोग अक्सर रहते हैं बीमार :
बसिया देवी कहतीं हैं कि हमलोग जब से यहां हैं, तब से यह समस्या बनी है। बस्ती में एक भी चापाकल नहीं है। नाला में बने कुआं से पानी लाकर पीती हूं। इसी पानी से सारा काम करती हूं। गंदा पानी उपयोग करने से बस्ती का कोई न कोई सदस्य बीमार रहता है। बस्ती में अभी नल-जल की पाइप नहीं पहुंची है। बीडीओ से मिलकर रखेंगे बात:
पत्थलगढ़ी के केडियामउ टोला में पेयजल की समस्या है। यहां के लोग बस्ती के पास स्थित नाला के बगल में गड्ढा खोदकर उसमें से पानी लाकर पीते हैं। बस्ती तक नल-जल या चापाकल की कोई व्यवस्था नहीं है। इसी कारण यहां के लोग डायरिया या बुखार से पीड़ित रहते हैं। इस समस्या को बीडीओ से अवगत कराते हुए समस्या का समाधान कराऊंगा।
-गणेश यादव, पंसस, पतलुका।