जर्नल में होना चाहिए उत्कृष्ट अनुसंधान, यह विज्ञान के क्षेत्र में मगध विवि की बढ़ाएगा प्रतिष्ठा- कुलपति
मगध विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजेंद्र प्रसाद ने विवि की ओर से प्रकाशित होने वाले विज्ञान जर्नल को लेकर कहा है कि उसमें उत्कृष्टता होनी चाहिए। विज्ञान के क्षेत्र में विवि की प्रतिष्ठा बढ़ाने वाला अनुसंधान का समावेश किया जाए।
बोधगया (गया), जागरण संवाददाता। मगध विश्वविद्यालय (Magadh University) के विज्ञान संकाय की ओर से प्रकाशित किए जाने वाली जर्नल (Science Journal) तथा इससे जुड़े सोसाइटी की रूपरेखा तैयार करने के विज्ञान संकाय के सभी विभागाध्यक्षों एवं संपादक मंडल के सभी सदस्यों की एक सभा विवि में की गई। सभा की अध्यक्षता विज्ञान संकाय के संकायाध्यक्ष प्रो. आरपीएस चौहान ने की।
अति उत्कृष्ट शोध शैली को लाएं आचरण में
मगध विवि के कुलपति (Vice Chancellor) प्रो. राजेंद्र प्रसाद ने कहा कि विश्वविद्यालय में शैक्षणिक विकास के लिए यह आवश्यक है कि ज्ञान और अनुसंधान का समन्वय करते हुए शिक्षक और छात्र अतिउत्कृष्ट शोधशैली को आचरण में लाएं। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि जर्नल में प्रकाशित होने वाले पेपर वर्तमान में चल रहे उत्कृष्ट अनुसंधान एवं विज्ञान से जुड़े हों इसका ध्यान रहे। उन्होंने यह उम्मीद जताई कि कि मगध विश्वविद्यालय के शिक्षकगण निरंतर प्रयास करके विज्ञान के क्षेत्र में बेहतर से भी बेहतर करके यहां की अनुसंधान की कार्यशैली को प्रखर बनाएंगे। उन्होंने निर्देशित किया कि विश्वविद्यालय के शिक्षाविद विज्ञान के शोध क्षेत्र में अधिकतम प्रभाव सुनिश्चित करने के लिए तथा अनुसंधान की गुणवत्ता एवं गहनता को बढ़ाने के दिशा में प्रयास करें।
जर्नल के प्रकाशन से विज्ञान और अनुसंधान पर पड़ेगा प्रभाव
प्रो. आरपीएस चौहान ने इस सभा में जर्नल एवं साइंस सोसायटी की महत्ता की चर्चा की। कहा कि जर्नल का मुख्य केंद्र अनुसंधान तथा इसकी समीक्षा को वैज्ञानिक दृष्टिकोण में प्रकाशित करना है। उन्होंने कहा कि इसके प्रकाशन से विश्वविद्यालय में विज्ञान के प्रति और भी रुचि बढ़ेगी। विज्ञान तथा अनुसंधान पर और व्यापक प्रभाव पड़ेगा। विश्व में इस बढ़ती प्रतिस्पर्धा के दौर में वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाते हुए इस जर्नल का प्रकाशन विश्वविद्यालय को नया कीर्तिमान स्थापित करने में सहयोगी सिद्ध होगा। रसायन विभाग के डॉ सुमित कुमार ने सोसाइटी से जुड़े कई दस्तावेजों को सभी सदस्यों के साथ ऑनलाइन माध्यम से साझा किया। प्रो. प्रवीण कुमार सिंह, डॉ. पार्थ प्रतिम दास, डॉ. रवि कुमार सिंह, डॉ. रोशन कुमार के साथ अन्य प्राध्यापकों ने सभा में हिस्सा लिया।