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मगध मेडिकल में वेंटिलेटर का नहीं हो रहा इस्तेमाल

गया मगध प्रमंडल के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज में वेंटिलेटर का उपयोग नहीं हो रहा है। जबकि यहां कोविड-19 के आइसोलेशन वार्ड में हर दिन कोई न कोई संक्रमित मरीज दम तोड़ रहा है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 19 Apr 2021 11:32 PM (IST)Updated: Mon, 19 Apr 2021 11:32 PM (IST)
मगध मेडिकल में वेंटिलेटर का नहीं हो रहा इस्तेमाल
मगध मेडिकल में वेंटिलेटर का नहीं हो रहा इस्तेमाल

गया: मगध प्रमंडल के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज में वेंटिलेटर का उपयोग नहीं हो रहा है। जबकि यहां कोविड-19 के आइसोलेशन वार्ड में हर दिन कोई न कोई संक्रमित मरीज दम तोड़ रहा है। अस्पताल की ओर से जारी हो रहे मेडिकल बुलेटिन के अनुसार यहां गंभीर स्थिति में भर्ती मरीजों को बाइपेप मशीन के सहारे ऑक्सीजन दी जाती है। इसके अलावा सामान्य ऑक्सीजन देकर मरीजों का इलाज हो रहा है। लेकिन वेंटिलेटर अभी तक शोभा की वस्तु बनी हुई है। यह स्थिति तब है जब मेडिकल कॉलेज में एक-दो नहीं बल्कि 31 वेंटिलेटर उपलब्ध हैं। यहां फिलहाल 18 बाइपेप मशीन है। चिकित्सा जगत में गंभीर से गंभीर मरीज के लिए ही वेंटिलेटर जैसी आधुनिक मशीन की ईजाद हुई है। लेकिन मेडिकल अस्पताल में इसका इस्तेमाल नहीं होना सवाल पैदा करता है। इन दोनों मशीन का उपयोग सांस की तकलीफ से जूझ रहे मरीजों के लिए किया जाता है।

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एनेस्थीसिया व मेडिसिन के डॉक्टरों के अपने-अपने तर्क

-वेंटीलेटर व बाइपेप मशीन के इस्तेमाल को लेकर डॉक्टरों के बीच अपने-अपने तर्क हैं। मेडिसिन के डॉक्टर दो टूक कहते हैं कि वेंटिलेटर का इस्तेमाल करने का निर्णय एनेस्थीसिया के डॉक्टरों पर निर्भर करता है। वेंटिलेटर पर रहे मरीज के सभी पैरामीटर की मॉनिटरिग करना एनेस्थीसिया डॉक्टर के जिम्मे होता है। जबकि मेडिसिन के डॉक्टर उस दौरान मरीज को जीवन रक्षक दवाएं देते हैं। यदि दोनों विभाग के डॉक्टरों का आपसी तालमेल बन जाए तो वेंटिलेटर का इस्तेमाल किया जा सकता है। एनेस्थीसिया चिकित्सकों की ओर से एक तर्क यह भी है कि बाइपेप मशीन से मरीज के जल्दी ठीक होने की संभावना रहती है।

---- क्या कहते हैं नोडल अधिकारी:

पिछले साल कोरोना संक्रमित मरीजों को जरूरत के अनुसार वेंटिलेटर की सुविधा दी गई थी। इस बार भी दी जाएगी। वेंटिलेटर की चिकित्सीय क्षमता को कई गंभीर मरीज नहीं सह पाते हैं। बाइपेप के जरिए भी मरीज को बेहतर चिकित्सा उपलब्ध कराई जाती है।

डॉ. एनके पासवान, नोडल अधिकारी, मगध मेडिकल अस्पताल, गया। ---------

ग्राफिक्स:

सोमवार को दोपहर में जारी मेडिकल बुलेटिन की रिपोर्ट कोविड-19 आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कुल मरीज- 52

बीते 12 घंटे में हुई कुल मौत- 04

ऑक्सीजन पर मरीज- 17

बाइपेप पर मरीज- 01

वेंटिलेटर पर मरीज- 00

----------- मेडिकल में उपलब्ध वेंटिलेटर मशीन- 32

मेडिकल में उपलब्ध बाइपेप मशीन- 18


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