खादी वस्त्रों से भरा वाहन पहुंच रहा गांव-गांव, लाेगों को आकर्षित कर रहे डिजायन, खूब हो रही बिक्री
खादी की महत्ता को गांव के लोग भी जानना शुरू कर दिए। जिसके कारण खादी वस्त्रों की मांग काफी बढ़ गई है। देहाती इलाका में बसे लोगों की मांग पुरा करने में खादी ग्रामोधोग जी जान से जुट गया है।
जागरण संवाददाता, मानपुर (गया)। खादी की महत्ता को गांव के लोग भी जानना शुरू कर दिए। जिसके कारण खादी वस्त्रों की मांग काफी बढ़ गई है। देहाती इलाका में बसे लोगों की मांग पुरा करने में खादी ग्रामोद्योग जी जान से जुट गया है। खादी वस्त्रों से भरी वाहन हर गांव में पहुंच रही है। जहां बिक्री काफी हो रहे हैं।
10 दिन में 2 लाख की बिकी खादी
खादी आपके द्वार कायॅक्रम की शुरूआत 3 फरवरी से शुरू की गई। मानपुर, बजीरगंज एवं फतेहपुर प्रखंड के विभिन्न गांव में खादी वस्त्रों से भरी वाहन पहुंची। जहां गमीॅ मौसम में इस्तेमाल करने वाले वस्त्रों की विक्री खुब हुई। होली त्योहार में पहनने के लिए युवाओं ने कुता ,पैजामा खुब खरीदी। महिलाओं को भी साडी़ खुब भाया। किशोरियों ने भी सुट के कपडे़ खुब खरीदे। खादी के बनें विभिन्न तरह के वस्त्रों एवं कपडो़ं की बिक्री 10 दिन में दो लाख की हुई। माचॅ माह में खादी वस्त्रों से भरी वाहन नक्सल प्रभावित इलाका के गांव में पहुंचेगी।
20 प्रतिशत छूट
खादी के बने वस्त्र या किसी तरह का कपडा़ खरीदने पर 20 प्रतिशत की छूट दी जा रही है। यह छूट दो अक्टुबर गांधी जयंती से मिल रही है जो 31 माचॅ तक मिलेगी। निधारित मुल्य में 20 प्रतिशत की छूट मिलने से गांव वालों को काफी फायदे हो रहे हैं।
बेरोजगारों को मिलेगी रोजगार
ग्राम निमाॅण मंडल खादीग्रामोधोग बुनियागंज मानपुर में सुत तैयार करने से लेकर बस्त्र बनाने तक करीब एक हजार बेरोजगार युवा युवती लगे हैं। खादी की मांग गांव में बढ़ते ही उत्पादन बढा़ना होगा। तब जाकर युवा-युवती को रोजगार के अवसर मिलेगें।
क्या कहते खादी ग्रामोधोग के मंत्री
सुनील कुमार का कहना है कि हाथ से तैयार किए गए खादी हर मौसम के लिए काफी आराम देह होता है। गमीॅ शुरू होते ही खादी की मांग बढ़ गई है। खादी के बने वस्त्र या कपडे़ं लागत मुल्य से बहुत कम मुनाफा लेकर बिक्री की जाती है। सस्ते दर पर मिलने के वजह सभी लोग खादी का इस्तेमाल करते हैं।