Corona Vaccine: जिले में पहुंचा वैक्सीन तो बुलंद हुआ आम लोगों का हौसला, कहा- कोरोना अब तेरी खैर नहीं
कोरोना वैक्सीन की खेप जिले में पहुंच गई है। अब इसकी टीकाकरण की तैयारी चल रही है। इससे आमलोगों में भी काफी खुशी है। उनका कहना है कि अपने देश में बनी यह वैक्सीन कोरोना को हर हाल में मात देगी।
जेएनएन, गया। जिलों में कोरोना का वैक्सीन पहुंच गया है। इसे कड़ी सुरक्षा और एहतियातों के बीच रखा गया है। 16 जनवरी से वैक्सीनेशन शुरू होगा। वैक्सीन का वायल पहुंचने से स्वास्थ्य कर्मियों के साथ आमलोग भी खुश हैं। लोगों का कहना है कि इस कोरोना ने बहुत सताया है। हमें शारीरिक, मानसिक और आर्थिक रूप से प्रभावित किया है। लेकिन अब इसकी खैर नहीं। लोगों का कहना है कि आज नहीं तो कल हमें भी वैक्सीन लग ही जाएगा। हम मानसिक रूप से अब मजबूत महसूस कर रहे हैं।
गया पहुंचा है 2480 वायल, एक वायल से होगा दस का टीकाकरण
गया में कोविड टीकाकरण को लेकर गुरुवार को कोविशील्ड वैक्सीन की पहली खेप उपलब्ध हो गई। क्षेत्रीय वैक्सीन स्टोर, औरंगाबाद से 2480 वायल वैक्सीन लेकर दो गाड़ी जयप्रकाश नारायण अस्पताल पहुंची। इसे पुलिस की सुरक्षा के बीच लाया गया। जेपीएन अस्पताल के डिस्ट्रिक्ट वैक्सीन स्टोर रूम में लगे आइएलआर में इसे सुरक्षित रखा गया है। सभी प्रोटोकॉल का पालन करते हुए 16 जनवरी से टीकाकरण किया जाएगा। पहले दिन पूर्व से पंजीकृत 1400 स्वास्थ्य कर्मियों को टीका लगाया जाएगा। कोवीशील्ड की एक वाइल से 10 लोगों का टीकाकरण किया जाएगा। हर एक स्वास्थ्य कर्मी को 0.5 एमएल दवा इंजेक्शन के रूप में लगाई जाएगी।
आज सेंटरों पर भेजी जाएगी वैक्सीन- जेपीएन अस्पताल में वैक्सीन की पहली खेप पहुंचने के समय डीएम अभिषेक सिंह, सीएस डॉ. कमल किशोर राय आदि मौजूद थे। डीएम ने वैक्सीन स्टोरेज सेंटर का फीता काटकर उद्घाटन किया। डीएम ने कहा कि शुक्रवार को कोवीशील्ड वैक्सीन जिले के 14 टीकाकरण केंद्रों पर पहुंचाई जाएगी। बांके बाजार प्रखंड में भी वैक्सीन स्टोरेज सेंटर बनाया गया है।
कोवीशील्ड की गाड़ी देखकर लोगों ने जताई खुशी
दस महीने तक कोरोना का कहर झेलनेवाले लोगों को काफी समय से कोरोना की वैक्सीन का इंतजार था। सरकार के साथ ही आम लोगों को भी अब विश्वास है कि भारत में बनी यह वैक्सीन कोरोना से बचाएगी। इस कारण वैक्सीन की पहली खेप पहुंचने की सूचना पर रास्ते में आमलोग भी खड़े रहे। सभी में वैक्सीन देखने की उत्सुकता थी।