दुकान से यूरिया गायब, दुकानदार साढ़े पांच सौ में औरंगाबाद में करा रहे होम डिलीवरी
खाद की किल्लत ऊपर से मौसम के बदलते मिजाज ने को भारी मुसीबत में डाल दिया है। कुछ दिन पूर्व हुई ओला वृष्टि से जिले के कोचस व दिनारा प्रखंडों में किसानों के फसल को भारी नुकसान पहुंचा है।
जागरण टीम,सासाराम । गेहूं का पटवन करने के बाद खेतों में खाद देने के लिए किसान दुकानों के चक्कर लगा रहे हैं। इसके बाद भी किसानों को अदद एक बोरी यूरिया नहीं मिल पा रही है। खाद को लेकर किसान लगातार जिले में परेशानी झेल रहे हैं। विभाग के तमाम दावे के बावजूद दुकानों से यूरिया गायब है। अधिकांश जगहों पर दुकानदार 266 रुपये के यूरिया की एक बोरी को साढ़े पांच सौ रुपये में घर बैठे होम डिलेवरी करा रहे हैं।
यूरिया नहीं मिलने से किसानों को फसल में रोग लगने की चिंता हर रोज सता रही है। खाद की किल्लत ऊपर से मौसम के बदलते मिजाज ने को भारी मुसीबत में डाल दिया है। कुछ दिन पूर्व हुई ओला वृष्टि से जिले के कोचस व दिनारा प्रखंडों में किसानों के फसल को भारी नुकसान पहुंचा है। उर्वरक के अभाव में फसल पीली पड़ने लगी हैं। कृषि विभाग के अधिकारी 3680.636 टन यूरिया पूर्व से उपलब्ध रहने तथा रविवार को भी रैक से आई यूरिया में 1728.63 टन मिलने की बात कह रहे है।
किसानों की मानें तो हर रोज दुकानों के चक्कर लगा मायूस हो खाली हाथ ही घर लौट जा रहे हैं। जिला कृषि पदाधिकारी संजय नाथ तिवारी के अनुसार अभी भी 3680.636 मीट्रिक टन यूरिया खाद उपलब्ध था। रविवार को भी यूरिया का 1728 .63 मीट्रिक टन का रैक भी लगा है। फिर भी जिला मुख्यालय के कई दुकानों पर ताला लटका हुआ है। ग्रामीण इलाकों के कुछ दुकानों पर चार से पांच सौ रुपये प्रति बोरी खर्च करने के बाद भी सिर्फ दो बोरी ही यूरिया मिल रही है। दिनारा, कोचस, सासाराम, चेनारी व शिवसागर प्रखंड के कई किसानों का कहना है कि दुकानों पर दुकानदार यूरिया का स्टाक खत्म होने की बात कहते हैं, वहीं दूसरे जगहों पर स्टाक कर होम डिलेवरी करवा रहे हैं। 266 की यूरिया गांव तक पहुंचवा वे साढ़े पांच सौ रुपये बोरी दे रहे हैं।