नवादा में दो सगे भाइयों को आजीवन कारावास की सजा, अपहरण के बाद चाचा और भतीजे की हुई थी हत्या
नवादा में चाचा और भतीजे की हत्या के मामले में कोर्ट ने दो सगे भाइयों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। जानकारी के मुताबिक अपहरण करने के बाद चाचा और भतीजे की हत्या कर दी गई थी। इस घटना से इलाके में सनसनी फैल गई।
जासं, नवादा । पुलिस मुखबिरी का आरोप लगाते हुए चाचा एवं भतीजा की हत्या किये जाने के दो आरोपियों को आजीवन कारावास एवं अर्थदंड की सजा सुनवाई गई है। सजा पाने वाला दोनों व्यक्ति सगे भाई हैं। मामला रोह थाना कांड संख्या-44/02 से जुड़ा है। अपर जिला एवं न्यायाधीश अमित कुमार पांडेय ने यह सजा गुरुवार को सुनाई।बताया गया कि छठ त्योहार के अवसर पर 9 नवंबर 02 की संध्या 07 बजे रोह थाना क्षेत्र के हर्षितपुर गांव में नाटक होना था।
नाटक किये जाने की तैयारी चल रही थी। तभी 6-7 व्यक्ति बंदूक व अन्य हथियार के साथ वहां पहुंचकर लाइट व बाजा को बंद करने को कहा। जिस कारण वहां अफरा-तफरी मच गई। लोग अपने-अपने घर की ओर भागने लगे। विजय यादव घर पहुंचे तो देखा कि गांव के ही नकुल यादव व भीम यादव एवं अन्य लोग उसके चाचा रामबालक यादव तथा भाई अनिल यादव को हथियार के बल पर अगवा कर लिया गया है। बाद में दोनों लोगों की हत्या कर दी गई।
घटना के चश्मदीद गवाह विजय यादव के बयान पर रोह थाना में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। पुलिस द्वारा चिन्हित गवाहों ने अपना-अपना बयान अदालत में दर्ज कराया। गवाहों द्वारा अदालत में दिये गये बयान एवं अन्य साक्ष्य के आधार पर अदालत ने दोनों आरोपित नकुल यादव व भीम यादव को भादवि की धारा 302 के तहत आजीवन कारावास तथा प्रत्येक को 10-10 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। वहीं धारा 427 के तहत दो वर्ष का कठोर कारावास की भी सजा सुनाई। अर्थ दंड की राशि अदा नहीं करने पर छः माह का अतिरिक्त कारावास की सजा सुनाई। कांड के आरोपितों को सजा दिलवाने में अनुमंडल अभियाेजन पदाधिकारी इम्तियाज मो. फारूकी व अरविन्द कुमार सिन्हा एवं अपर लोक अभियोजक गोरे लाल प्रसाद चौधरी की अहम भूमिका रही। ग्रामीण इस घटना को नक्सली कार्रवाई बता रहे थे।