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फर्जी नियोजनपत्र पर रोहतास में नौकरी कर रहे ढाई दर्जन शिक्षक, इस तरह शामिल हो गए बहाली में

शिक्षक व हेडमास्टर पर प्राथमिकी दर्ज करने की बात कह अधिकारी अपना कर्तव्य इतिश्री कर लिए। अधिकारियों की मानें तो जिला परिषद व शिक्षा विभाग अधिकारियों का फर्जी हस्ताक्षर कर पत्र निर्गत करने वाले गिरोह की तलाश में जुट गया है।

By Prashant KumarEdited By: Published: Sat, 28 Aug 2021 02:09 PM (IST)Updated: Sat, 28 Aug 2021 02:09 PM (IST)
फर्जी नियोजनपत्र पर रोहतास में नौकरी कर रहे ढाई दर्जन शिक्षक, इस तरह शामिल हो गए बहाली में
बिहार नियोजन में फर्जी तरीके से नौकरी पाने वाले शिक्षकों पर लटकी तलवार। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर।

जागरण संवाददाता, सासाराम। फर्जी हस्ताक्षर से निर्गत पत्र पर ढ़ाई दर्जन से अधिक लोगों के शिक्षक की नौकरी कर रहे हैं। विभाग जांच कराने की बात कहने तक अपना कर्तव्य मान रहा है। हाल के दिनों में डीडीसी सह नियोजन इकाई जिला परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी  के नाम से जारी जाली नियुक्ति पत्र पर कई शिक्षक योगदान भी कर लिए हैं।

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- अधिकारी को पता नहीं और उनके हस्ताक्षर से निर्गत हो गए हैं पत्र

- फर्जी हस्ताक्षर करने वाले गिरोह का पता लगाने में जुटी नियोजन इकाई

मामला प्रकाश में आने पर शिक्षक व हेडमास्टर पर प्राथमिकी दर्ज करने की बात कह अधिकारी अपना कर्तव्य इतिश्री कर लिए। अधिकारियों की मानें तो  जिला परिषद व शिक्षा विभाग अधिकारियों का फर्जी हस्ताक्षर कर पत्र निर्गत करने वाले गिरोह की तलाश में जुट गया है। फर्जी हस्ताक्षर से जिले में विभिन्न उच्च व उच्च माध्यमिक विद्यालयों में समांजित दर्जन भर शिक्षकों के खुलासा होने के बाद अधिकारी हरकत में आ गए है।

जानकारी के मुताबिक करगहर के उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय खनैठी, राजपुर के उवि विशुनपुर, डेहरी के सीताराम उमावि वरांव कला, उमावि तिलौथू, नौहट्टा के अलावा जिले के कई उच्च व उच्च माध्यमिक विद्यालयों में ढ़ाई दर्जन से अधिक शिक्षक फर्जी हस्ताक्षर से निर्गत नियोजन पत्र पर आज कई वर्षों से नौकरी कर वेतन उठा रहे हैं।

मामला संज्ञान में आने के बाद दो दिन पूर्व जिला परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी सह डीडीसी द्वारा निर्गत पत्र में प्रधानाध्यापकों को स्पष्ट निर्देश दिया है कि जिला परिषद क्षेत्र अंतर्गत जिला शिक्षक नियोजन अपीलीय प्राधिकार के वाद संख्या 43/2015 या अन्य किसी भी वाद के आलोक में इस तरह के मामला संज्ञान में आए तो जिला परिषद को तत्काल सूचित करें ताकि शिक्षा विभाग व नियोजन इकाई द्वारा संबंधित दोषी व्यक्तियों के विरूद्ध कार्रवाई की जा सके।

इस संबंध में डीडीसी सुरेंद्र प्रसाद ने कहा कि जिला शिक्षक नियोजन अपीलीय प्राधिकार के वाद संख्या 43/2015 के आदेश के आलोक में जितने भी पत्र निर्गत है उसे फर्जी घोषित किया गया है। साथ ही जिला परिषद क्षेत्र अंतर्गत आने वाले सभी प्रकार के उच्च व उच्च माध्यमिक विद्यालय के प्रधानाध्याकों को स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि वाद के आलोक में किसी भी शिक्षक को योगदान न करा कर उसकी सूचना तत्काल दें।

सूचना नहीं देने वाले प्रधानाध्यापकों के साथ-साथ संबंधित शिक्षकों पर भी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। फर्जी हस्ताक्षर के सहारे स्कूलों में योगदान करने वाले जितने भी शिक्षक के मामले सामने आए हैं उन्हें जाली मानते हुए उनके विरूद्ध प्राथमिक दर्ज व अन्य कार्रवाई करने का निर्देश शिक्षा विभाग के अधिकारी को दिया जा चुका है।


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