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बोधगया में हर दिन सड़क जाम से पर्यटन परेशान

बोधगया आने वाले देशी-विदेशी पर्यटक महाबोधि मंदिर परिभ्रमण के क्रम में यातायात से परेशान है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 29 Nov 2017 10:35 PM (IST)Updated: Wed, 29 Nov 2017 10:35 PM (IST)
बोधगया में हर दिन सड़क जाम से पर्यटन परेशान
बोधगया में हर दिन सड़क जाम से पर्यटन परेशान

गया। बोधगया आने वाले देशी-विदेशी पर्यटक महाबोधि मंदिर परिभ्रमण के क्रम में यातायात व भिखारियों से परेशान हैं।

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पर्यटन मौसम के क्रम में विश्वशांति के निमित आयोजित होने वाली पूजा का दौर जारी है, जिसमें काफी संख्या में विदेशी पर्यटक भाग लेते हैं। मंदिर जाने और वापसी के क्रम में पर्यटकों को सड़क जाम की समस्या से रूबरू होना पड़ता है। वहीं, भिखारी भी पर्यटकों को वाहन में सवार होने या फिर मोनास्ट्री में प्रवेश करने तक पीछा करते हैं। यह नजारा सुबह से शाम तक बीटीएमसी गोलंबर से लेकर लाल पैडस्टल क्षेत्र में देखा जाता है। भिखारी बीटीएमसी के प्रवेश द्वार तक बैठे रहते हैं। इतना ही नहीं बीटीएमसी के सामने के काउंटर से सटे प्रतिबंधित क्षेत्र में छोटे वाहनों का पड़ाव होता है। जबकि यह क्षेत्र मंदिर सुरक्षा में तैनात बीएमपी के जवानों के अधीन होता है।

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अधिकारी फंसे जाम में

बुधवार को गया-बोधगया नदी तटीय मार्ग पर वर्मीज विहार के समीप टेंपो के बेतरतीब पड़ाव से एक अधिकारी जाम में फंस गए। जाम को हटाने के लिए उक्त अधिकारी की सुरक्षा में लगे कर्मी को काफी मशक्त करना पड़ी। उसके बाद अधिकारी का वाहन जाम से निकला।

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यातायात नियम का नहीं होता अनुपालन

बोधगया में बाहर से आने वाले बड़े-छोटे पर्यटक वाहनों के चालकों द्वारा यातायात नियमों का अनुपालन नहीं किया जाता है। चालक बस में सवार विदेशी पर्यटक को तिब्बत मंदिर के समीप उतारते और चढ़ाते हैं, जिससे जाम की समस्या बनती है। जबकि यह प्रतिबंधित क्षेत्र है और जगह-जगह पर नो पार्किंग का बोर्ड भी लगा है।

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निर्धारित स्थल पर नहीं होता पड़ाव

बोधगया में नगर पंचायत द्वारा यूं तो बड़े-छोटे वाहनों का पड़ाव स्थल निर्धारित है और इसके लिए सूचक भी लगा है, लेकिन वाहनों का पड़ाव निर्धारित स्थल पर नहीं होता। टेंपो व ई-रिक्शा का पड़ाव महाबोधि मंदिर जाने वाले मार्ग की ढलान पर होता है। यहां यदा-कदा यातायात पुलिस की तैनाती रहती है, लेकिन टेंपो चालकों पर कार्रवाई नहीं होने से यातायात पुलिस की तैनाती रहने पर भी स्थिति में सुधार नहीं है।

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