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यूपी के नक्‍सली समेत तीन को उम्रकैद की सजा, कैमूर में 17 वर्ष पहले युवक को मार दी थी गोली

कैमूर में सन 2004 में हुई हत्या के मामले में उत्‍तरप्रदेश के नक्सली सहित तीन को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। प्रत्येक को दो-दो लाख का जुर्माना भी लगाया गया है। नहीं देने पर एक साल अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी।

By Vyas ChandraEdited By: Published: Sat, 27 Mar 2021 08:10 AM (IST)Updated: Sat, 27 Mar 2021 08:10 AM (IST)
यूपी के नक्‍सली समेत तीन को उम्रकैद की सजा, कैमूर में 17 वर्ष पहले युवक को मार दी थी गोली
हत्‍या मामले में तीन को उम्रकैद की सजा। प्रतीकात्‍मक फोटो

भभुआ (कैमूर), जागरण संवाददाता। स्थानीय व्यवहार न्यायालय के फास्‍ट ट्रैक कोर्ट के न्‍यायाधीश प्रथम ओम प्रकाश सिंह की अदालत ने शुक्रवार को अधौरा थाना क्षेत्र के वभनीकला गांव में वर्ष 2004 में हुई हत्या के मामले में नक्सली सहित तीन दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। सजा पाने वालों में यूपी के सोनभद्र जिला के मांची थाना के वाकी गांव निवासी नक्‍सलसी मेवालाल खरवार, अधौरा थाना क्षेत्र के वभनीकला गांव निवासी मीरा यादव व लल्लू सिंह शामिल हैं। इनलोगों पर दो-दो लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। जुर्माना की राशि नहीं देने पर सभी को एक-एक वर्ष अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।

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पहाड़ी पर ले जाकर नक्‍सली ने मार दी थी गोली

इस मामले में सूचक वभनी कला गांव निवासी रामपति यादव ने बताया कि 18 नवंबर 2004 को उनका पुत्र अवराज यादव घर से दक्षिण दिशा की ओर चवर की ओर पर जा रहा था। उसके कुछ दूरी पर वह भी थे। उनका पुत्र जैसे ही अधौरा प्रखंड प्रमुख रामजग खरवार के घर के सामने पहुंचा कि मेवालाल खरवार, मीरा सिंह व लल्‍लू सिंह ने उसे पकड़ लिया। उक्त तीनों लोग उनके पुत्र को पकड़ लिया। इसके बाद हाथ बांध कर उसे पहाड़ी पर ले गए। पताई पहाड़ी पर ले जा कर मेवालाल खरवार ने उनके पुत्र के सीने में रायफल से गोली मार दी। इससे उनके पुत्र की मौत वहीं पर हो गई।

हत्‍या के अगले दिन हुई थी प्राथमिकी

इसके बाद 19 नवंबर 2004 को अधौरा थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई गई। पुलिस अनुसंधान के साथ ही लगभग 17 वर्ष तक मामला कोर्ट में चला। आखिरकार  इस मामले में शुक्रवार को न्यायाधीश ने मामला विचारण के दौरान उक्त तीनों लोगों को दोषी पाया और उपरोक्त सजा सुनाई। इस मामले में अपर लोक अभियोजक कमता प्रसाद सिंह व बचाव पक्ष के अमरनाथ तिवारी, महेंद्र तिवारी अधिवक्ता रहे।


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