महिला की आबरू बचाने की दबंगों ने ऐसी दी सजा, गया में तीन परिवारों का पूरी तरह मुश्किल हो गया है जीवन
गया में एक महिला को दुष्कर्मियों से बचाने वाले तीन लोगाें का दबंगों ने एक महीने के लिए हुक्का-पानी बंद कर दिया है। वाम संगठनों के समझौते की पहल भी बेकार हो गई। इस कारण पीड़ित परिवारों का खाना पीना से लेकर इलाज कराना तक मुश्किल हो गया है।
डोभी (गया), संवाद सूत्र। एक माह पूर्व गया जिले के बाराचट्टी थाना के मुसहना गांव में तीन लोगों ने एक महिला की आबरू गांव के ही कुछ दरिंदों के हाथों लुटने से बचाई थी। पीड़िता ने इसकी शिकायत थाने में की तो दबंगों ने दबाव देकर उस आवेदन को वापस करवाया। इसके बाद महिला को बचाने वाले तीनों लोगों को एक तरह से बहिष्किृत कर दिया गया। उनलोगों का एक महीने के लिए हुक्का-पानी बंद है। जारी फरमान में उर्मिला देवी, सुनीता देवी और मनोज प्रसाद पर गांव के दुकान से सामान देने, स्थानीय चिकित्सक से इलाज नहीं करने और पानी तक नहीं लेने का आदेश है। इस फरमान को नहीं मानने पर दबंगों की कमेटी कार्रवाई करेगी।
मुश्किल हो गया है तीन परिवारों का जीवन
एक माह से परेशान तीनों परिवारों का जीना मुहाल हो गया है। गांव की दुकान से सामान नहीं मिल रहा इस कारण इन्हें बाहर से सामान लाना पड़ रहा है। बीमार होने पर गांव में इनका इलाज तक नहीं हो पा रहा है। पानी नहीं मिलने के कारण खेत में लगी इनकी फसल खराब हो गई। गांव में रहते हुए भी इन लोगों का परिवार तनाव और अपमान झेल रहा है।
माले और एपवा का प्रयास भी रहा विफल
इस मामले को लेकर मुसहना में भाकपा माले (CPI ML) और ऐपवा कार्यकर्ताओं ने सार्वजनिक बैठक की थी। इसमें पाबंदी झेल रहे और पाबंदी लगाने वाले पक्ष को बुलाया गया। दोनों पक्षों को समझाने का प्रयास किया गया परन्तु दबंगों की कमेटी ने बैठक में किसी भी निर्णय को मानने से इनकार कर दिया। भाकपा माले के प्रखंड सचिव रामलखन प्रसाद ने कहा कि तीनों पीड़ित परिवारों को काफी नुकसान हो गया है। भलाई करने की सजा गांव के दबंगो की कमेटी ने इनलोगों को दे रखी है। बैठक के दौरान समझाने का प्रयास किया गया परंतु इनलोगों का कहना है कि थाना में कार्रवाई रोकने के लिए दिए गए आठ हजार रुपये तीनों जमा करेंगे तब ही पाबंदी हटाई जाएगी।