Move to Jagran APP

हत्याकांड में दोषी तीन भाइयों को आजीवन कारावास की सजा, कैमूर में दो साल के अंदर आया फैसला

कैमूर जिला व्यवहार न्यायालय के एडीजे 11 राजेश कुमार वर्मा की अदालत ने हत्या मामले में तीन अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। तीनों अभियुक्त सगे भाई हैं। साथ ही तीनों को 20-20 हजार रुपये अर्थदंड लगाया है।

By Prashant KumarEdited By: Published: Sat, 22 Jan 2022 05:58 PM (IST)Updated: Sat, 22 Jan 2022 05:58 PM (IST)
हत्याकांड में दोषी तीन भाइयों को आजीवन कारावास की सजा, कैमूर में दो साल के अंदर आया फैसला
तीन सगे भाइयों को आजीवन कारावास की सजा। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर।

जागरण संवाददाता, भभुआ। कैमूर जिला व्यवहार न्यायालय के एडीजे 11 राजेश कुमार वर्मा की अदालत ने हत्या मामले में तीन अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। तीनों अभियुक्त सगे भाई हैं। साथ ही तीनों को 20-20 हजार रुपये अर्थदंड लगाया है। अर्थदंड की  राशि नहीं देने पर छह माह की अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी। सजा पाने वालों में दुर्गावती थाना क्षेत्र के सोनांव गांव निवासी दलसिंगार बिंद का पुत्र सेचू बिंद, अभिमन्यू बिंद व सूचित बिंद शामिल हैं। इस मामले में सूचक दुर्गावती थाना क्षेत्र के गंगापुर सोनांव गांव निवासी रामचंद्र प्रसाद के पुत्र शिवानंद प्रसाद ने बताया है कि दिनांक 11 अप्रैल 2019 को समय करीब 9:30 बजे मैं अपनी टबेरा गाड़ी को साफ कर रहा था। तभी मेरे गांव के सूची बिंद, सेचू बिंद व अभिमन्यू बिंद तीनों लोग मिल कर बोले की गाड़ी मत साफ करो। इसी बात को लेकर तीनों गाली-गलौच करने लगे और मेरे साथ हाथापाई करने लगे। इसके बाद बेट से मारपीट करने लगे। बहुत समझाने बुझाने के बाद भी नहीं माने।

loksabha election banner

उसी समय मेरे पिता खेत पर से आए और उक्त तीनों भाईयों को समझाने लगे। तब सूचित बिंद जान मारने की नीयत से अपने घर से गड़ासा लेकर आया और मेरे पिता रामचंद्र प्रसाद के सिर पर वार कर दिया। जिससे वह बेहोश होकर गिर गए और उनकी बोलचाल बंद हो गई। उसी समय पिता को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र दुर्गावती ले गए। जहां से बेहतर इलाज के लिए वाराणसी ट्रामा सेंटर रेफर कर दिया गया। उस समय थाना में जानलेवा हमला करने के मामले में प्राथमिकी दर्ज की गई। फिर 15 अप्रैल को पिता का ट्रामा सेंटर में ही इलाज के दौरान निधन हो गया। इसके बाद पुलिस ने फिर हत्या की प्राथमिकी दर्ज की। इस मामले में पुलिस ने सूचित बिंद को उस समय ही गिरफ्तार कर लिया। तब से वह आज तक जेल में है। मामला विचारण के दौरान न्यायाधीश ने तीनों भाईयों को दोषी पाते हुए उपरोक्त सजा सुनाई है। यह फैसला दो वर्ष नौ माह में हुआ है। इस मामले में अपर लोक अभियोजक मीना श्रीवास्तव रही व बचाव पक्ष के अधिवक्ता अजित कुमार ङ्क्षसह रहे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.