Move to Jagran APP

Good News: इंजीनियरिंग का हब कहा जाता है गया जिले का यह घर, इसमें है घनश्‍याम के संघर्षों की कहानी

गया जिले के नक्‍सल प्रभावित डुमरिया प्रखंड में शिक्षा की रोशनी फैल रही है। कई बच्‍चे उच्‍च शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। इन्‍हीं में से एक है घनश्‍याम यादव का परिवार। इनके घर के कई बच्‍चे आइआइटी कर चुके हैं।

By Vyas ChandraEdited By: Published: Fri, 08 Jan 2021 06:55 AM (IST)Updated: Sat, 09 Jan 2021 01:31 PM (IST)
Good News: इंजीनियरिंग का हब कहा जाता है गया जिले का यह घर, इसमें है घनश्‍याम के संघर्षों की कहानी
घनश्‍याम यादव के परिवार के मेधावी बच्‍चे। फाइल फोटो

दिवाकर मिश्र, डुमरिया (गया)। गया जिले के नक्सल प्रभावित डुमरिया प्रखंड की छकरबंधा पंचायत नक्सलियों के कारण हमेशा चर्चा में रही है। हालांकि अब बंदूकों की गोलियों की आवाज से लोग थर्राते नहीं हैं। जन अदालत बंद हो गई है। ऐसे में अब शिक्षा की रोशनी फैल रही है। इसका नतीजा है कि पिछले कुछ वषों में इस क्षेत्र के किसान, व्यवसायी और अन्य लोगों के बच्‍चे उच्च शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। वे ऊंचे ओहदे पर आसीन हो रहे हैं। ऐसा ही एक परिवार है घनश्याम यादव का। इनका घर तो जैसे इंजीनियरिंग का हब हो गया है। परिवार में चार आइआइटियन हैं।

loksabha election banner

नक्सल प्रभावित व अत्यंत पिछड़े प्रखंडों में शुमार डुमरिया प्रखंड की छकरबंदा पंचायत जंगलों से घिरी हैं। यहां के रहने वाले घनश्‍याम यादव पढ़-लिखकर बड़ा ओहदा हासिल करना चाहते थे। लेकिन परिस्थितियों की वजह से ऐसा हो नहीं सका। लेकिन इन सबके बावजूद घनश्याम यादव संघर्ष करते रहे। खुद उच्‍च शिक्षा नहीं ले सके तो पहले अपने भाई को पढ़ाया-लिखाया। इसके बाद तो शिक्षा की ऐसी ज्‍योति जलाई कि लोग इनकी मिसाल देते हैं। इनपर गर्व करते हैं। आसपास के युवाओं के लिए इनका परिवार प्रेरणास्रोत हो गया है।

(पत्‍नी के साथ घनश्‍याम यादव)

बड़ा पुत्र आइआइटी कर बना आइईएस अधिकारी

इनके बड़े बेटे संतोष कुमार ने कोलकाता से आइआइटी की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) से भारतीय अभियांत्रिकी सेवा(Indian Engineering Service) के पदाधिकारी हैं। वे वर्तमान में रेलवे कारखाना, हरनौत में कार्यरत हैं। इसके पहले वे मैरीन में कार्यरत थें। दूसरे बेटे आशुतोष कुमार ने  आइआइटी के समकक्ष आइएमयू की परीक्षा उत्‍तीर्ण की। वे मुंबई के आइएमयू (Indian Maritime University) से मैरीन इंजीनियरिंग कर रहे हैं। घनश्‍याम यादव के भाई शारीरिक शिक्षक किशोरी मोहन के पुत्र चंदन कुमार ने भी आइआइटी की परीक्षा उत्‍तीर्ण की। वे आइएसएम (Indian School of Mines), धनबाद से सिविल इंजीनियरिंग में बीटेक कर रहे हैं । साथ ही छोटे बेटे कुंदन कुमार आइएमयू कोलकाता से मैरीन इंजीनियरिंग में बीटेक कर रहे हैं । इस परिवार में चचेरे भाई रंजीत कुमार का पुत्र गौरव आनंद चंडीगढ़ से कम्प्यूटर इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा है ।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.