औरंगाबाद में नदी से बालू खनन का कार्य नहीं हुआ शुरू, बालू खरीद को बनी यह व्यवस्था
नदी से बालू खनन पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा लगाई गई रोक 30 सितंबर की रात बारह बजे समाप्त हो गई। पहले एक अक्टूबर से नदियों से खनन का कार्य शुरु हो जाता था पर इस वर्ष कोई कंपनी को अबतक खनन करने का ठेका नहीं दिया गया है।
औरंगाबाद, जागरण संवाददाता। जिले में सोन के अलावा अन्य नदियों से बालू खनन का कार्य शुरु नहीं हुआ है। नदी से बालू खनन पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के द्वारा लगाई गई रोक 30 सितंबर की रात बारह बजे समाप्त हो गया है। पहले इस रोक की समाप्ति के बाद एक अक्टूबर से नदियों से खनन का कार्य शुरु हो जाता था पर इस वर्ष कोई कंपनी को अबतक खनन करने का ठेका नहीं दिया गया है। बताया जा रहा है कि सोन समेत जिले की अन्य नदियों में खनन करने का ठेका लेने वाली आदित्य माल्टीकाम कंपनी पर अवैध खनन एवं करीब 50 करोड़ राजस्व क्षति की दर्ज की गई प्राथमिकी के बाद राज्य सरकार के खान व भूतत्व विभाग ने कंपनी को खनन करने का ठेका नहीं दिया है।
खनन विभाग के अनुसार एनजीटी के द्वारा लगाई गई रोक की अवधि में जिस तरह से लोगों को स्टाक का बालू उपलब्ध कराई जा रही थी उसी प्रकार एक अक्टूबर से लोगों को उपलब्ध कराई जा रही है। बालू क्रेताओं को बैंक से डीडी बनाकर बारुण में बनाए गए बिक्री घाट पर जाना है और वहां से चालान लेने के बाद बालू मिलेगा। वर्तमान में अंचल एवं जिला खनन कार्यालय से एक-एक कर्मी को बिक्री घाट पर तैनात किया गया है और बालू की बिक्री की जा रही है।
वर्तमान में 100 सीएफटी बालू की कीमत घाट पर 3950 रुपये निर्धारित की गई है पर खनन विभाग के इस सिस्टम से लोगों को एक ट्रैक्टर बालू को कार्यस्थल पर गिराने में करीब 6000 से 6500 रुपये तक लग रहा है। एक ट्रैक्टर में करीब 100 सीएफटी बालू होता है। बताया गया कि एक अक्टूबर से बगल के जिला अरवल में सोन नदी में खनन का कार्य शुरु हो गया है और वहां औरंगाबाद से कम दर पर बालू लोगों को मिल रहा है।
वर्तमान में अरवल से जिले के लोग बालू खरीद रहे हैं। बारुण बालूघाट से बालू की बिक्री बंद हो गई है। जिला खनन पदाधिकारी पंकज कुमार ने बताया कि अन्य जिलों की तरह औरंगाबाद में पूर्व में खनन करने वाली कंपनी को खनन करने का ठेका क्यों नहीं दिया गया है यह राज्य सरकार के खान एवं भूतत्व विभाग का मामला है। 15 दिन में इस जिले में भी खनन का कार्य शुरु होने का आसार है। खनन पदाधिकारी ने बताया कि जबतक विभाग से कोई निर्देश नहीं मिलेगा तब तक पूर्व की तरह बालू की बिक्री की जा रही है।