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नवादा: पकरीबरावां में कोरोना की तीसरी लहर ने दिया दस्तक, हॉस्पिटल में 30 बेड के स्पेशल वार्ड हो चुके तैयार

जिला पदाधिकारी के आदेशानुसार जिन वार्ड/इलाकों में कोरोना पॉजिटिव मरीज मिले हैं उन इलाकों को कंटेनमेंट जोन घोषित करते हुए बैरिकेडिंग किया जाना था परंतु अभी तक इस पर स्वास्थ्य विभाग एवं प्रखंड प्रशासन द्वारा अमल में नहीं लाया गया है।

By Prashant Kumar PandeyEdited By: Published: Sun, 09 Jan 2022 05:04 PM (IST)Updated: Sun, 09 Jan 2022 05:04 PM (IST)
नवादा: पकरीबरावां में कोरोना की तीसरी लहर ने दिया दस्तक, हॉस्पिटल में 30 बेड के स्पेशल वार्ड हो चुके तैयार
नवादा के पकरीबरावां में हॉस्पिटल में तैयार स्पेशल वार्ड

 जागरण संवाददाता, राजेश प्रसाद, पकरीबरावां (नवादा): देश एवं राज्य में कोरोना की तीसरी लहर पैर पसार चुका है। अन्य राज्यों में संक्रमण बढ़ते हुए अब बिहार में भी लगातार दर बढ़ रही है। वहीं पकरीबरावां में भी कोरोना की तीसरी लहर दस्तक दे दिया है। इससे बचने के लिए पंचायत मुख्यालय से लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र तक प्रखंड स्वास्थ्य समिति तैयारी कर चुकी है। कोविड से निपटने को लेकर विभाग अपने अधिकारियों एवं कर्मचारियों के साथ लगातार बैठक कर रही है। विभाग कोरोना की पहली एवं दूसरी लहर में आई कमियों को दूर करने को लेकर पूरी तरह से तत्पर है। 

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सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पकरीबरावां नवादा

बेड, दवा, एंबुलेंस के साथ कर्मी तैनात

इसको लेकर अस्पतालों में बेड, दवा, एंबुलेंस, साफ-सफाई की पूरी व्यवस्था के साथ कर्मियों को भी तैनात किया जा रहा है। साथ ही जरूरत के नए- नए उपकरण लगाए जा रहे हैं। उक्त बातें सीएचसी प्रभारी चिकित्सक पदाधिकारी डा. अनिल कुमार सिन्हा ने कही। उन्होंने लोगों से अपील की कि कोरोना संक्रमण के प्रोटोकॉल का पालन करते हुए चेहरे पर मास्क अवश्य लगाएं और भीड़-भाड़ से बचें। स्वच्छता पर ध्यान देते हुए अपने आपको कोरोना के संक्रमण से सुरक्षित रखें।

किशोर व किशोरियों को लगाया जा रहा है टीका

कोरोना की तीसरी लहर से बचने के लिए क्षेत्र में वैक्सीनेशन का महा अभियान चलाया जा रहा है। बीते दो दिनों में महा अभियान के दौरान पांच हजार वैक्सीनेशन का लक्ष्य था। जिसे लगभग पूरा किया जा चुका है। वहीं प्रखंड में 8 हजार 400 किशोर-किशोरियों को वैक्सीन देने का लक्ष्य है। जो 15 से 18 आयु वर्ग के किशोर-किशोरियों को वैक्सीन की पहली डोज दी जा रही है। अधिकाधिक वैक्सीनेशन को लेकर विभाग सजग-सचेत है। 

30 बेड के साथ 62 आक्सीजन सिलिडर की है व्यवस्था

सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पकरीबरावां में जहां 30 बेड के साथ स्पेशल वार्ड भी बनाया गया है। फिलहाल सीएचसी में 62 आक्सीजन सिलिडर उपलब्ध हैं। जरूरत पड़ने पर इसकी संख्या और बढ़ाया जाएगा। बीएचम विश्वजीत देवगन ने बताया कि प्रखंड क्षेत्र को अधिक से अधिक लोगों को कोरोना वैक्सीन से युक्त करना भी जरूरी है। इस कार्य में लगातार सफलता भी मिल रही है। प्रखंड में एक लाख 29 हजार लोगों को कोरोना वैक्सीन से युक्त करने का लक्ष्य रखा गया था जो लभगभ पूर्ण होने को है।

योजनाबद्ध तरीके से चिकित्सकों को मिला है प्रशिक्षण

आपातकालीन स्थिति से निपटने की तैयारी

कोरोना की दूसरे लहर चिकित्सकों की कमी और अप्रशिक्षित स्टाफ होने की वजह से टेक्नोलॉजी उपलब्ध होते हुए भी मरीजों को सुविधा नहीं दी जा सकी थी। वेंटिलेटर और आईसीयू का मैनेजमेंट नहीं हो पाने के कारण अफरा-तफरी और तबाही का भयानक मंजर देखने को मिला था। तीसरी लहर में ऐसी कोई भी आपदा की स्थिति पैदा न हो और तुरंत ही मरीज को उपचार उपलब्ध करवाया जा सके इसके लिए योजनाबद्ध तरीके से चिकित्सकों, नर्सिंग स्टाफ और सभी कर्मचारियों को प्रशिक्षित भी दिया गया है।

प्रखंड प्रशासन कोरोना को ले गंभीर नहीं

सीएचसी में कोविड से निपटने को लेकर उपलब्ध चिकित्सा से लेकर अन्य सुविधाएं

पकरीबरावां हॉस्पिटल में 05 चिकित्सक, 03 आयूष चिकित्सक, 01 महिला चिकित्सक, 01 फार्मासिस्ट, 01एलटी, 32 स्वास्थ्यकर्मी, 30 बेड, 02 एम्बुलेंस, 62 ऑक्सीजन सिलेंडर, 08 ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर उपलब्ध है। इधर प्रखंड में कोरोना को लेकर लापरवाही बरती जा रही है। स्वास्थ्य विभाग एवं प्रखंड प्रशासन इसे लेकर गंभीर नहीं है। लापरवाही का आलम यह है कि जिला पदाधिकारी के आदेश को भी दरकिनार किया जा रहा है।

पॉजिटिव केस मिलने पर भी बैरिकेडिंग और सैनिटाइजेशन नहीं

जिला पदाधिकारी के आदेशानुसार जिन वार्ड/इलाकों में कोरोना पॉजिटिव मरीज मिले हैं, उन इलाकों को कंटेनमेंट जोन घोषित करते हुए बैरिकेडिंग किया जाना था, परंतु अभी तक इस पर स्वास्थ्य विभाग एवं प्रखंड प्रशासन द्वारा अमल में नहीं लाया गया है। बता दें कि जिला जनसंपर्क कार्यालय के अनुसार पकरीबरावां के धमौल में एक पॉजिटिव केस मिले हैं, परंतु यहां स्वास्थ्य विभाग एवं प्रशासन की उपस्थिति नगण्य है। जिस इलाके में पॉजिटिव केस मिले हैं, वहां अभी तक न तो बैरिकेडिंग की गई है और न ही उस इलाके को सैनिटाइज किया गया। विभाग की यह लापरवाही कहीं भारी न पड़ जाए, इसे लेकर धमौल के लोग भयभीत हैं। अब देखना यह है कि कब विभाग की नींद खुलती है।


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