सेविकाओं को 'धैर्य की राह' चौपाल में सिखाया गया गुर, संकट की घड़ी में घबराएं नहीं, डटकर करें सामना
पांच सेक्टर पर आंगनबाड़ी सेविका के बीच किया गया चौपाल आयोजित सेविकाओं को बताया गया पोषक क्षेत्र में घर घर जाकर महिलाओ को बताए कि संकट की घड़ी में घबराना नहीं चाहिए। अपितु डटकर उसका धैर्य पूर्वक सामना करना चाहिए।
संवाद सूत्र, टनकुप्पा (गया)। गया जिले के टनकुप्पा प्रखंड के सभी पांच सेक्टर पर आंगनबाड़ी सुपरवाइजर द्वारा सेविका के मध्य सीएलआर के तहत धैर्य की राह चौपाल कार्यक्रम आयोजित की गई। चौपाल में सुपरवाइजर आंगनबाड़ी सेविकाओं को स्मार्ट मोबाइल पर प्रसारित चौपाल कार्यक्रम को सुनाया, इसके बाद जानकारी दी गई।
सेविका को यह बतलाया गया कि महिलाओ को गृहस्थ जीवन चलाने एवं बच्चों के परवरिश करने में उत्पन्न होने वाली संकट मे धैर्य नहीं खोना चाहिए। अपितु डटकर उसका धैर्य पूर्वक सामना करना चाहिए। जीवन में हर संकट का समाधान होता है। इसलिए धैर्य के साथ आगे बढ़े और कठिनाइयों का डट कर सामना करें।
सफलता जरूर मिलेगी। चौपाल में सेविका को निर्देश दिया गया कि अपने पोषक क्षेत्र के सभी एक एक घर जाकर खासकर महिलाओ को उक्त जानकारी को बताना है। साथ हीं जागरूक करना है। सेंटर पर गोद भराई एवं अन्नप्राशन के वक्त भी आने वाली महिलाओं को धैर्य की राह की विशेष जानकारी देना है। सुल्तानपुर आंगनबाड़ी केंद्र पर चौपाल कार्यक्रम आयोजित करते हुए सुपरवाइजर रंजना कुमारी ने बताई की इस कार्यक्रम का आज 17वा भाग सेविकाओं के बीच प्रसारित की गई।
कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाना है। इस कार्यक्रम के माध्यम से महिलाओ को बताया जा रहा है कि अपने जीवन मे किसी भी परिस्थिति में धैर्य को बनाये रखे। कभी घबड़ाना नहीं है। उक्त सेक्टर पर 27 आंगनबाड़ी सेविकाएं उपस्थित हुई। सभी को मोबाइल एप के माध्यम से जानकारी को सुनाया एवं बताया गया। इस कार्यक्रम से महिलाओ में परिवर्तन हो रही है।