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इस अस्‍पताल में नर्स के सहारे हैं महिला मरीज, अब तक नहीं हुई है महिला चिकित्‍सक की पदस्‍थापना

गया जिले के मोहनपुर सामुदायिक स्‍वास्‍थ्‍य केंद्र में अब तक महिला चिकित्‍सक की प्रतिनियुक्ति नहीं की गई है। इस कारण गांव की गरीब महिलाओं का यहां सही तरीके से उपचार नहीं हो पाता। प्रसव व बंध्‍याकरण जैसे जटिल उपचार भी नर्सें ही करती हैं।

By Vyas ChandraEdited By: Published: Wed, 25 Nov 2020 07:31 AM (IST)Updated: Wed, 25 Nov 2020 01:41 PM (IST)
इस अस्‍पताल में नर्स के सहारे हैं महिला मरीज, अब तक नहीं हुई है महिला चिकित्‍सक की पदस्‍थापना
नर्स के सहारे हैं 241 गांवों की महिलाएं।

जेएनएन, गया। मोहनपुर प्रखंड समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में स्‍थापना काल से अब तक महिला चिकित्सक की तैनाती नहीं की गई है। इससे महिलाओं को इलाज कराने में परेशानी होती है। सामान्‍य रोगों का इलाज तो वे यहां करा लेती हैं। लेकिन अन्‍य स्‍त्री रोगों के इलाज कराने के लिए बाहर जाने की मजबूरी हो जाती है। विदित हो कि समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का दर्जा मिलने के बाद इस अस्पताल में आजतक महिला चिकित्सक की स्थायी पोस्टिंग नहीं की गई है।

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नर्सों के सहारे होता है प्रसव व बंध्‍याकरण- कभी कभार किसी महिला चिकित्सक को प्रतिनियोजन पर भेजा जाता है, लेकिन वे योगदान ही नहीं देतीं हैं। गौर करने की बात है कि इसके बावजूद महिलाओं के प्रसव, बंध्याकरण सहित अन्य जटिल उपचार इस अस्पताल में किए जाते हैं। प्रसव कराने आने वाली महिलाओं को नर्सों के सहारे ही रहना पड़ता है। ऐसे में कई बार गंभीर स्थिति होने पर अस्‍पताल कर्मियों को मरीज के स्‍वजनों का कोपभाजन होना पड़ता है।

हर दिन डेढ़ सौ से ज्‍यादा पहुंचते हैं मरीज- इस अस्पताल में प्रतिदिन 150 से अधिक रोगियों का इलाज किया जाता है। इसमें महिलाओं की संख्या आधी से अधिक होती है। सीता देवी, रमिया देवी, सुनीता देवी, माला देवी, कल्पना देवी सहित अन्य महिलाओं का कहना है कि सरकार अस्पताल में सारी सुविधाएं देने का प्रचार करती है, लेकिन महिलाओं को देखने के लिए कोई महिला चिकित्सक ही नहीं हैं। महिलाओं ने  स्वास्थ्य केंद्र में महिला चिकित्सक की नियुक्ति की आवश्यकता जताई है। बताते चलें कि मोहनपुर प्रखंड में 18 पंचायतों के 241गांव आते हैं। इन गांवों की आबादी इसी सामुदायिक स्‍वास्‍थ्‍य केंद्र पर निर्भर है।

इस संबंध में चिकित्सा प्रभारी डाॅ. मनोज कुमार चौधरी ने बताया कि महिला चिकित्सक के लिए कई बार विभाग को लिखित रूप से जानकारी दी गई है लेकिन आज तक महिला चिकित्सक की पदस्‍थापना नहीं की गई है। उन्होंने कहा कि कभी-कभी बंध्याकरण या प्रसव कराने मे काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। और कभी कभी प्रसव के दौरान रेफर भी करना पड़ता है।


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