रामगढ़ में नहीं बदलेगा नगर पंचायत से जुड़े गांव का स्वरूप, दिग्गजों के उम्मीदों पर फिर गया पानी
रामगढ़ में पहली बार नगर पंचायत के होने जा रहे चुनाव को लेकर दिग्गजों की रस्साकस्सी भले ही शुरू हो गई थी लेकिन उन्हें निराशा हांथ लगी। रामगढ़ पंचायत के अलावा इस नगर पंचायत में केवल बंदीपुर मौजा को जोड़ने से परिसीमन की स्थिति साफ हो गई है।
संवाद सूत्र, रामगढ़ (भभुआ)। रामगढ़ में पहली बार नगर पंचायत के होने जा रहे चुनाव को लेकर दिग्गजों की रस्साकस्सी भले ही शुरू हो गई थी, लेकिन उन्हें निराशा हांथ लगी। नगर पंचायत का नोटीफिकेशन होने के बाद किसी तरह का स्वरूप गांव का चेंज नहीं होने के फरमान से सबकी नजरें तीनों गांव के मतदाताओं पर पड़ने लगी है। मतदाताओं की तरफ इनका आकर्षण बढ़ गया है।
नोटिफिकेशन के बाद वार्ड पार्षद के चुनाव का भूगोल भी तैयार होने लगा है। रामगढ़ पंचायत के अलावा इस नगर पंचायत में केवल बंदीपुर मौजा को जोड़ने से परिसीमन की स्थिति साफ हो गई है। वार्ड पार्षद की कोटि भले ही अधिकारीक रुप से अभी तय नही हो सकी है। लेकिन नगर चेयरमैन का पद पद समान्य ही होने की संभावना 2011 की जनगणना के अनुसार बन गई है । जिसके कारण प्रखंड के कई धुरंधर इस बार नगर पंचायत के चुनावी मैदान में ताल ठोकने को आतूर हैं। कुछ बाहरी धुरंधर भी बाहर से आकर यहां के मतदाता सूची में नाम दर्ज कराने के लिए आवेदन भी जमा किए। इसके अलावा अधिकारियों से मिलकर आनलाइन भी कराए। लेकिन उन्हें चुनाव लड़ने से ही नहीं यहां मतदान करने पर भी रोक लगा दी गई है।
2020 के बाद की प्रकाशित मतदाता सूची में नाम हो जाने के बाद भी वे नगर पंचायत का चुनाव नहीं लड़ेंगे और न ही मतदान में हिस्सा ले सकते हैं। जिसके कारण 5 जिला परिषद सदस्य के प्रत्याशी भी पंचायत चुनाव का मजा नहीं चख सकेंगे। अब उन्हें नगर पंचायत के वार्ड पार्षद के चुनाव होने का इंतजार करना पड़ेगा। कभी पंचायत चुनाव से हाय तौबा करने वाले यहां के राजनीतिज्ञ अब वसूल के पक्के माने जा रहे हैं। बड़े बड़े ठिकेदार से लेकर उंचे रसूल रखने वाले लोगों के इस नगर पंचायत में चुनाव मैदान में आने की चर्चा शुरू हो गई है। जिला परिषद की चर्चा कम नगर पंचायत चुनाव की चर्चा जोरों पर हैं।
जिला परिषद सीट के लिए बदलाव नहीं होना है। वह रामगढ़ के नाम से ही जिला परिषद की सीट रहेगी। लेकिन रामगढ़ गोड़सरा व बंदीपुर के लोग इनके लिए मतदान नहीं करेगें। यहां मुखिया व वार्ड सदस्यों के लिए सांसत है। जो वार्ड सदस्य निर्विरोध व घर बैठे हो जाते थे। अब यहां वार्ड पार्षद के लिए मारा मारी की नौबत होगी। पैसे का खेल शुरू होगा। रामगढ़ पंचायत यानी रामगढ़ बाजार, गोड़सरा व रामगढ़ गांव तथा बंदीपुर पंचायत में बंदीपुर गांव को नगर पंचायत का दर्जा दिया गया है। बंदीपुर के यादव टोला भी नगर पंचायत में जुड़ेगा इसको लेकर संसय बना हुआ है। कुल 18 हजार मतदाता 20 वार्ड पार्षद के भाग्य का फैसला करेंगे। साढ़े सात सौ मतदाता पर एक वार्ड पार्षद का चुनाव होना बताया जा रहा है।
क्या कहतें हैं बीडीओ
इस संबंध में पूछे जाने पर बीडीओ प्रदीप कुमार ने बताया कि नगर पंचायत के लिए नोटिफिकेशन हो गया है। रामगढ़ संभवतः नगर पंचायत के अध्यक्ष का पद समान्य कोटि का होगा। किसी तरह का स्वरूप चेंज नहीं होगा। इसके लिए कुल 20 वार्ड पार्षद के चुने जाने की संभावना है। जिनकी कोटि अभी सुनिश्चित नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि 2020 के बाद के मतदाता इस चुनाव में हिस्सा नहीं लेगें।