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जरूरत से जिले को 85 सौ टन कम मिला यूरिया, किसान परेशान

गया किसान इन दिनों काफी परेशान है। एक तरफ बेमौसम बारिश एवं ओलाविष्ट से फसल का काफी

By JagranEdited By: Published: Sat, 15 Jan 2022 11:56 PM (IST)Updated: Sat, 15 Jan 2022 11:56 PM (IST)
जरूरत से जिले को 85 सौ टन कम मिला यूरिया, किसान परेशान
जरूरत से जिले को 85 सौ टन कम मिला यूरिया, किसान परेशान

गया : किसान इन दिनों काफी परेशान है। एक तरफ बेमौसम बारिश एवं ओलाविष्ट से फसल का काफी नुकसान है तो दूसरे तरफ यूरिया की किल्लत ने और परेशानी बढ़ा दी है। बारिश होने के बाद गेहूं की फसल में यूरिया नहीं दी जा रही है। जिले में यूरिया की किल्लत के कारण किसानों को यूरिया नहीं मिल रही है। जबकि उर्वरक विक्रेताओं से यूरिया की बिक्री की जा रही है। सरकारी दाम की अपेक्षा किसानों से अधिक दाम लेकर यूरिया दिया जा रहा है। यूरिया को लेकर किसान लगातार चक्कर लगा रहे है। जिले के रबी फसल के लिए आवंटन की अपेक्षा 8526 टन यूरिया कम मिला है। वित्तीय वर्ष 2021-22 में रबी फसल के लिए सरकार ने 32 हजार टन यूरिया का आवंटन किया है। लेकिन उर्वरक कंपन्नियों के मनमानी के कारण मात्र 23472 टन यूरिया का आपूर्ति हुई है। वहीं वित्तीय वर्ष 2020-21 में आवंटन से अधिक यूरिया जिले को मिला था। आवंटन 32 हजार टन के जगह 35133 टन यूरिया दिया गया। जो जरूरत से 3133 टन अधिक था। यूरिया की किल्लत ने किसानों को परेशान कर रखा है। अगर चार-पांच दिनों में किसानों को यूरिया पर्याप्त मात्रा नहीं मिला तो गेहूं की फसल पीला पड़ सकता है।

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अधिक दाम के लेने के कारण किसान परेशान

उर्वरक विक्रेताओं ने किसानों से यूरिया का दाम अधिक लिया जा रहा है। 266.50 रुपये के जगह किसानों से 420 रुपये तक लिया जा रहा है। वहीं उर्वरक दुकानों पर पूरा दिन खड़ा रहने के बाद भी किसानों को यूरिया पर्याप्त मात्रा नहीं मिल रहा है। ऐसे किसानों की परेशानी बढ़ गई है।

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दानेदार से बेहतर नैनो यूरिया

जिला कृषि पदाधिकारी सुदामा महतो कहते है कि दानेदार के मुकाबले नैनो यूरिया बेहतर है। किसान शुरू से दानेदार यूरिया का उपयोग करते आ रहे है। इसलिए नैनो पर विश्वास नहीं हो रहा है। जिले में नैनो यूरिया का का बोतल काफी है। नैनो यूरिया के इस्तेमाल को लेकर किसानों को जागरूक करने की जरूरत है। नैनो यूरिया का प्रयोग पर्यावरण एवं फसल दोनों के लिए सुरिक्षत है। दानेदार यूरिया की तुलना में इसका दाम कम है।

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यूरिया का अधिक दाम लेने पर करें शिकायत

नाम - पदनाम - मोबाइल नंबर

जिला उर्वरक नियंत्रण कोषाग - 0631-2950329

न्यूटन कुमार - सहायक निदेशक कृषि अभियंत्रण - 9304758430

ललन कुमार सुमन - सहायक निदेशक मिट्टी जांच - 9709046977

चंद्रभूषण शाही - सहायक निदेशक वनस्पति - 8210184975

संयज कुमार - कृषि समन्वयक - 9939407481

दयानंद प्रसाद - कृषि समन्वयक - 9934890032


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