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गया में रेलवे क्‍वार्टर में अवैध कब्‍जे पर विभाग की टेढ़ी नजर, अवैध निर्माण पर चलने लगा बुलडोजर

गया की रेलवे कॉलोनी में अवैध निर्माण पर मंगलवार को बुलडोजर चलाया गया। इस दौरान कई दुकानों व झुग्गियों को ध्‍वस्‍त कर दिया गया। यहां अवैध रूप से क्‍वार्टर को भाड़े पर लगाने का भी पता चला है।

By Vyas ChandraEdited By: Published: Tue, 09 Feb 2021 03:08 PM (IST)Updated: Tue, 09 Feb 2021 03:08 PM (IST)
गया में रेलवे क्‍वार्टर में अवैध कब्‍जे पर विभाग की टेढ़ी नजर, अवैध निर्माण पर चलने लगा बुलडोजर
बुलडोजर से तोड़ा जा रहा अवैध निर्माण। जागरण

जागरण संवाददाता ,गया। गया की रेलवे कॉलोनियों (Railway Colonies) के क्वार्टरों के बगल में अवैध निर्माण (Illegal Construction) पर मंगलवार को बुलडोजर चलाया गया। दर्जनों दुकान और झुग्गी-झोपड़ियां को ध्वस्त कर दिया गया। रेलवे के गया इंजीनियरिंग विभाग और आरपीएफ की ओर से अतिक्रमण के खिलाफ संयुक्त अभियान चलाया जा रहा है।

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सुरक्षा के किए गए हैं पुख्‍ता इंतजाम

जानकारी के अनुसार डीडीयू रेल मंडल प्रशासन ने रेल कॉलोनियों के क्वार्टरों पर अवैध कब्जा एवं क्वार्टरों के बगल में अवैध निर्माण के खिलाफ एक जांच टीम गठित की थी। इसके बाद रेलवे की ओर से अवैध कब्जा और अवैध निर्माण के खिलाफ नोटिस देकर कार्यवाही शुरू की गई। अभियान के दौरान हंगामे की आशंका के चलते गया के अंचल निरीक्षक कासिब नबाज को मजिस्ट्रेट के रूप में प्रतिनियुक्ति किया गया है। साथ ही स्थानीय थाना डेल़्हा पुलिस एवं आरपीएफ की बड़े पैमाने पर पुलिस तैनाती की गई। इस अभियान में गया इंजीनियरिंग विभाग के मंडल सहायक अभियंता जितेंद्र कुमार, आइओडब्ल्यू के मनोज कुमार, भाष्कर कुमार, आरपीएफ इंस्पेक्टर एएस सिद्दीकी, सब इंस्पेक्टर विक्रमदेव सिंह, रेल थानाध्यक्ष संतोष कुमार समेत पीडब्ल्यूआई एवं बिजली विभाग के अधिकारी एवं कर्मी शामिल है। 

भाड़े पर चलाया जा रहा क्‍वार्टरों को

बता दें कि रेलवे कॉलोनियों के कुछ क्वार्टरों को भाड़े पर भी चलाया जा रहा है। रेल के कुछ अधिकारी से लेकर कर्मचारी, पुलिस और रिटायर्ड कर्मी भी इसमें शामिल हैं। क्वार्टरों को भाड़े पर लगाकर हाउस रेंट का खेल चल रहा है। इससे प्रतिमाह ये कमाई कर रहे हैं। इतना ही नहीं बाहरी तत्वों के कब्जे से रेल परिसर व काॅलोनियों में असामाजिक तत्वों का अड्डा बन गया है। सबसे बड़ी बात ये अधिकांश वैसे क्वार्टर हैं, जो खाली पड़े हैं, रेलवे ने उन्हें परित्यक्त घोषित कर रखा है। बावजूद, उसमें लोग बड़े ठाठ से ऐशोआराम कर रहे हैं। इसकी भनक लगने के बाद डीडीयू रेल मंडल प्रशासन ने इसकी जांच के आदेश दिया था।


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