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औरंगाबाद में लोक शिकायत निवारण का फैसला सुन चौंक गया फरियादी, पैदा हो गई भ्रम की स्थिति

अनुमंडलीय लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी ने किस पदाधिकारी को आरोपित करते हुए कारण पृच्छा आदेश जारी किया है। मामला यह है कि दाउदनगर प्रखंड के संसा पंचायत के जमुआवां गांव में मुख्य सड़क पर करीब 20 से अधिक घरों के नाली का पानी बहता है।

By Prashant KumarEdited By: Published: Mon, 06 Dec 2021 04:53 PM (IST)Updated: Mon, 06 Dec 2021 04:53 PM (IST)
औरंगाबाद में लोक शिकायत निवारण का फैसला सुन चौंक गया फरियादी, पैदा हो गई भ्रम की स्थिति
लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी ने दिया भ्रम फैलाने वाला फैसला। सांकेतिक तस्‍वीर।

संवाद सहयोगी, दाउदनगर (औरंगाबाद)। जमुआवां में एक सड़क पर जलजमाव के मामले में अनुमंडलीय लोक शिकायत निवारण कार्यालय दाउदनगर से जारी आदेश से भ्रम की स्थिति पैदा हो गई है। यह स्पष्ट नहीं हो रहा कि अनुमंडलीय लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी ने किस पदाधिकारी को आरोपित करते हुए कारण पृच्छा आदेश जारी किया है। मामला यह है कि दाउदनगर प्रखंड के संसा पंचायत के जमुआवां गांव में मुख्य सड़क पर करीब 20 से अधिक घरों के नाली का पानी बहता है। जल जमाव की स्थिति बनी है। सड़क खराब हो गई। पैदल चलने लायक स्थिति नहीं रही। राहगीरों को मुश्किल हो रहा है।

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सड़क कहीं टूट गई है, कहीं टूटने की स्थिति में है। ऐसे में उन सभी घरों के लिए नाली निकास की व्यवस्था करने, ताकि सड़क को नुकसान न हो से संबंधित मामला अंकित कुमार ने अनुमंडलीय लोक शिकायत निवारण कार्यालय ले गए। मामले में पदाधिकारी ने 30 नवंबर को जो अंतरिम आदेश जारी किया है उसमें कहा गया है कि लोक प्राधिकार नगर कार्यपालक पदाधिकारी उपस्थित रहे। मामले को सुना गया। प्रतिवेदन प्राप्त हुआ। लोक प्राधिकार नगर कार्यपालक पदाधिकारी ने पत्रांक 514 दिनांक 30 नवंबर से प्रतिवेदित किया है कि मामला जमुआंव में हाईस्कूल के पास सड़क पर नाली के पानी बहने के संबंध में है। परंतु 'आपके द्वारा' दिग्भ्रमित प्रतिवेदन समर्पित कर बताया गया कि मामला नगर परिषद से है। इस कारण परिवाद पर निर्धारित समय सीमा समाप्त हो रहा है। इस संबंध में स्पष्टीकरण के साथ अंतिम प्रतिवेदन 10 दिसंबर को समर्पित करना सुनिश्चित करें। साथ ही दिग्भ्रमित प्रतिवेदन समर्पित करने का कारण पृच्छा भी समर्पित करेंगे कि क्यों नहीं इस लापरवाही के कारण आपके नियंत्री पदाधिकारी को सीधा कार्रवाई हेतु प्रतिवेदन कर दिया जाए। अब मामला यह है कि 'आपके द्वारा' किस पदाधिकारी को संबोधित किया गया है, यह आदेश से स्पष्ट नहीं है।

पीजीआरओ बोले-सीओ के खिलाफ आदेश

जब इस संबंध में अनुमंडलीय लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी वीरेंद्र कुमार तरुण से दैनिक जागरण ने सवाल किया तो उन्होंने कहा कि आदेश अंचल अधिकारी दाउदनगर के खिलाफ है। जब अंचल अधिकारी विजय कुमार से यह प्रश्न किया गया तो उन्होंने कहा कि ऐसा कोई प्रतिवेदन उन्होंने दिया ही नहीं है। अतिक्रमण वाद खुला है। इसकी जानकारी दी है और यह भी कहा है कि चुनाव बाद कार्रवाई होगी। बताया कि वह अंचल के मामले को नगर परिषद क्षेत्र का कैसे बता सकते हैं। मामले को लोक शिकायत निवारण में ले जाने वाले अंकित कुमार का कहना है कि इस तरह के आदेश से स्थिति और उलझती है और आवेदक होने के नाते वे खुद स्पष्ट नहीं हो पा रहे कि संबंधित पदाधिकारी का आदेश किस पदाधिकारी के खिलाफ है।


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