जीविका के कैडर दूर करेंगें छोटी रकम की जरूरतें, औरंगाबाद में एटीएम जाने की नहीं होगी जरूरत
ग्रामीण विकास विभाग द्वारा औरंगाबाद के 28 गांव के महिला जीविका मित्रों को बायोमेट्रिक मशीन दी गई है। इस मशीन से वे ग्रामीणों की जरूरत अनुसार छोटे-मोटे रकम का लेन-देन कर सकेंगे। लेन-देन पर जीविका के कैडर को भी कमीशन मिलेगा।
औरंगाबाद, जागरण संवाददाता। बिहार सरकार की महत्वकांक्षी परियोजना के तहत जीविका ग्रामीण स्तर पर लोगों की छोटी-मोटी पैसों की जरूरतों को पूरा करने के लिए काम कर रही है। गांव स्तर पर एक-दो हजार रुपये के लिए लोगों को एटीएम जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इसके लिए विशेष तौर पर जीविका के वैसे कैडर जो समूह की बैठक कराते हैं, ग्राम संगठन की बैठकों में हिस्सा लेते हैं, उनके पास बायोमेट्रिक मशीन दिया गया है, जिसकी मदद से वह लोगों को जरूरत के हिसाब से उनके खाते से रकम निकालकर देंगे।
कैडर को भी मिलेंगे कमीशन
जानकारी देते हुए जिला परियोजना प्रबंधक पवन कुमार ने कहा कि जीविका द्वारा ग्रामीण स्तर पर छोटी मोटी रकम की जरूरत को पूरा करने के लिए इस तरह की योजना ग्रामीण विकास विभाग द्वारा शुरू किया गया है। इसके माध्यम से कैडर को भी कुछ कमीशन भी प्राप्त होगा। वही ग्राम स्तर पर लोग मोबाइल के जरिए कैडर से संपर्क कर पैसे का लेन-देन कर सकते हैं। इसके लिए विशेष मशीन 28 गांव के कैडरों को सीएससी की मदद से दी गई है। इसमें अंगूठा लगाकर खाते से लेन-देन किया जा सकता है।
बड़े लेने-देन के लिए हे सीएसपी
बड़े पैसों के लेनदेन के लिए जीविका द्वारा जिले भर में 61 सीएसपी केंद्रों का संचालन किया जा रहा है। वहीं 500-1000 जैसी छोटी जरूरतों के लिए एटीएम का रुख न करना पड़े। ऐसे में यह एक बड़ा कदम साबित होगा। इस संबंध में वित्तीय समावेशन की युवा पेशेवर कुमारी वर्षा ने बताया कि सीएससी की मदद से कैडरों के आर्थिक उन्नति के लिए इस तरह का कदम बेहद सराहनीय है। गांव में लोगों को अक्सर छोटी रकम की जरूरत पड़ती है। जिसके लिए उन्हें भटकना पड़ता है। अब अगर खाते में पैसा है तो उसको निकालने के लिए मोबाइल से ही कैडरों से संपर्क कर उनसे पैसे लिए जा सकते हैं।