गया में किशोरों को लगने लगी कोवैक्सीन की पहली डोज, 220 स्कूलों में साढ़े 3 लाख बच्चों को टीका लगाने का लक्ष्य
कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच गया में सोमवार से 15 से 18 साल के किशोरों के टीकाकरण के अभियान की शुरूआत की गई। जिले में 220 स्कूलों में बच्चों को टीका लगाने का कार्यक्रम नियमित रूप से किया जाएगा।
जासं, गया । 15 से 18 साल तक के किशोर बच्चों को टीकाकरण अभियान का शुभारंभ सोमवार को जिलाधिकारी अभिषेक सिंह ने किया। इस मौके पर कई बच्चों ने टीके लगवाए। शहर के प्लस टू जिला स्कूल में आयोजित समारोह के जरिए सभी अभिभावकों से अपील की गई कि परिवार में जो भी 15 से 18 साल तक के बच्चे हैं उनका टीकाकरण जरूर कराएं। कोरोना से बचाव को लेकर बनी वैक्सीन पूरी तरह से सुरक्षित है। सभी सरकारी हाईस्कूलों व इंटर स्कूलों में टीकाकरण मुफ्त में किया जाना है। कोवैक्सीन की पहली डोज लेने के बाद इसके 28 दिनों के बाद दूसरा डोज लेना है।
जिलाधिकारी ने कहा कि कोरोना महामारी में संक्रमण से बचाव के लिए टीकाकरण अब तक का सबसे मजबूत हथियार के रूप में देखा गया है। लिहाजा, सभी अभिभावक इसे जरूरी समझते हुए बच्चों को टीका जरूर दिलवाएं। कार्यक्रम में सिविल सर्जन डा. कमल किशोर राय, जिला शिक्षा पदाधिकारी राजदेव राम, डीपीएम नीलेश कुमार, केयर के शशि रंजन समेत कई अधिकारी उपस्थित थे।
जिला स्कूल में पौने दो बजे तक 300 बच्चों ने लगवाए टीके
किशोर उम्र के बच्चों के लिए शुरू हुए टीका अभियान के पहले दिन उत्साह देखने को मिला। अभियान शुरू होने के पहले दिन जिला स्कूल, गया में पौने दो बजे तक 300 बच्चे टीका लगवा चुके थे। ज्यादातर बच्चे पहले से पोर्टल के जरिए स्लाट बुक कराकर टीका लेने पहुंचे थे। वहीं जिनका स्लाट बुक नहीं था उन्हें आफलाइन मोड में भी केंद्र पर टीका लगाया गया। स्लाट के अनुसार करीब 120 बच्चों को टीका लगना बाकी है। बच्चों को टीका लगाने में केयर के राकेश रंजन, भारती पैकरा, जीएनएम निरंजन कुमार, प्रिया स्तूति, पुनम कुमारी, सुनीता कुमारी सहयोग कर रहे हैं।
जिले के 220 स्कूलों में साढ़े 3 लाख बच्चों को टीका लगाने का लक्ष्य
जिला स्वास्थ्य समिति में डीपीएम नीलेश कुमार ने बताया कि जिले में 220 स्कूलों में बच्चों को टीका लगाने का कार्यक्रम नियमित रूप से किया जाएगा। जिले में साढ़े 3 लाख बच्चों को कोवैक्सीन का टीका लगाने का लक्ष्य रखा गया है। अभियान को सफल बनाने के लिए सभी विद्यालयों में एक टीकाकरण नोडल अधिकारी के रूप में वहीं के शिक्षक को नामित किए गए हैं। जो सभी पात्र उम्र वाले छात्र-छात्राओं को टीका लगवाने में सहयोग करेंगे। वैक्सीन लगाने के लिए एएनएम व दूसरे मेडिकल स्टाफ स्कूल में पहुंचेंगे। टीका लगाने के बाद आधा घंटे तक बच्चे को स्कूल में ही रूकना है।