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कोरोना गाइडलाइंस को ताक पर रख कोचिंग संस्‍थानों में चल रही बच्‍चों की पढ़ाई, संक्रमण की बढ़ी आशंका

कोरोना गाइडलाइंस की अनदेखी कर शहर में कोचिंग संस्थानों का संचालन किया जा रहा है। न तो 50 फीसद उपस्थिति का ख्याल रखा जा रहा है न अन्य निर्देश का अनुपालन हो रहा है। शिक्षण कार्य के दौरान सभी नियमों का पालन करना अनिवार्य है।

By Prashant KumarEdited By: Published: Tue, 09 Feb 2021 10:32 AM (IST)Updated: Tue, 09 Feb 2021 10:32 AM (IST)
कोरोना गाइडलाइंस को ताक पर रख कोचिंग संस्‍थानों में चल रही बच्‍चों की पढ़ाई, संक्रमण की बढ़ी आशंका
कोचिंग संस्‍थानों में की जा रही कोरोना गाइडलाइंस की अनदेखी। प्रतीकात्‍मक चित्र।

जागरण संवाददाता, (सासाराम)। कोरोना गाइडलाइंस की अनदेखी कर शहर में कोचिंग संस्थानों का संचालन किया जा रहा है। न तो 50 फीसद उपस्थिति का ख्याल रखा जा रहा है न अन्य निर्देश का अनुपालन हो रहा है।  सरकार द्वारा जारी गाइडलाइंस के मुताबिक कोचिंग संस्थान को संचालित करने से पूर्व संचालको को डीएम से अनुमति लेना अनिवार्य किया गया है कि शिक्षण कार्य के दौरान सभी नियमों का पालन करेंगे।

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सबसे मजे की बात तो यह कि शिक्षा विभाग की लापरवाही के कारण अभी तक जिले मे एक भी कोचिंग संस्थान कोचिंग नियंत्रण व विनियमन के तहत निबंधित नही है। इसे ले विभाग की ओर से फरमान जारी करने के सिवाय और कुछ नही किया जा सका है। जिसका नतीजा जिले मे अवैध रूप से संचालित होने वाले काेचिंग संस्थानों की भरमार है।

निबंधन को ले दो दर्जन कोचिंग संचालकाें ने हीं  निबंधन की प्रकिया के लिए शिक्षा विभाग के कार्यालय में आवेदन के साथ रजिर्स्टेशन शुल्क का डीडी जमा किया है। परंतु उसे भी निबंधित नही किया जा सका है। निबंधन की दिशा मे कोई कार्रवाई नही होने से अवैध चल रहे कोचिंग संचालकों पर कार्रवाई का तनिक भी डर नहीं है। यही वजह है कि अब संचालक पंजीयन फार्म भी जमा करना मुनासिब नही समझ रहे हैं।

गौरतलब है कि जिले मे लगभग आठ सौ से अधिक कोचिंग संस्थान का संचालन बगैर निबंधन के संचालित होते है। जिस पर सरकार का नियंत्रण नही है। जिसका भरपूर फायदा संचालक उठा रहे है। न तो उन्हे किसी प्रकार का कर चुकता करना पड़ता है और छात्रो से ली जाने वाली फीस मे एकरूपता। वहीं आमदनी के हिसाब से संचालको को टैक्स देने का भी प्रावधान है।


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