बगैर प्लानिंग पढ़ाते शिक्षक, रोहतास के स्कूलों का देर से खुलना और समय से पहले बंद होना आम बात
विभागीय अधिकारी को भी प्रधानाध्यापक यह सूचना नहीं देते हैं कि उनका विद्यालय कब खुला व कब बंद हुआ जबकि विभागीय निर्देश है कि प्रधानाध्यापकों को प्रतिदिन खुलने व बंद होने की समय से अपने अधिकारी को अवगत कराएं।
जागरण संवाददाता, सासाराम। सतत निरीक्षण में सरकारी विद्यालयों में शिक्षण कार्य की हकीकत भी सामने भी आने लगी है। शैक्षणिक गतिविधियों व शिक्षकों के पढ़ाने की तरीके को देख अधिकारी भी हैरत में अब पडऩे लगे हैं। बिना प्लानिंग व पाठ टीका के ही शिक्षक बच्चों को पढ़ाने अपने वर्ग कक्ष में चले जाते हैं। जिस कारण उन्हें यह भी पता नहीं रहता है कि उन्हें क्या पढ़ाना है और कितना। यही नहीं विलंब से स्कूल के खुलने व समय से पहले बंद होना भी आम बात हो गई है, जिसे गंभीरता से लेते हुए विभागीय अधिकारी अब शिक्षकों को कार्य पद्धति में बदलाव लाने का नसीहत देने लगे हैं, ताकि पठन-पाठन सुचारू व सुव्यवस्थित तरीके से हो और छात्रों को समुचित मिल सके।
नहीं मिल पाती है स्कूल खुलने व बंद होने की सूचना
विभागीय अधिकारी को भी प्रधानाध्यापक यह सूचना नहीं देते हैं कि उनका विद्यालय कब खुला व कब बंद हुआ, जबकि विभागीय निर्देश है कि प्रधानाध्यापकों को प्रतिदिन खुलने व बंद होने की समय से अपने अधिकारी को अवगत कराएं। डीईओ संजीव कुमार की माने तो विद्यालय निरीक्षण के क्रम में ऐसा पाया जा रहा है कि शिक्षक बिना किसी प्लानिंग या पाठ टीका के वर्ग कक्ष में पढ़ाने चले जाते हैं, जिससे उनको क्या और कितना पढ़ाना है इसकी जानकारी सही से नहीं हो पाती है।
कुछ विद्यालयों के देर से खुलने एवं पहले बंद होने की सूचना भी मोबाइल पर ग्रामीणों द्वारा दी जा रही है। जिसने आवश्यक रूप से बताने का निर्देश प्रधानाध्यापकों को निर्देश दिया गया है। साथ ही उन्हें अपने समय में बदलाव के साथ पठन-पाठन सुचारू रूप से चलाने को भी कहा गया है। यह भी कहा गया कि अगर कोई शिक्षक प्रधानाध्यापक की बात नहीं सुनता और अनावश्यक कार्यालय में बैठकर समय बिताता है तो इसकी सूचना उपलब्ध कराई जाए तथा उस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
डीडीसी ने अफसरों को सौंपा नवाचार करने का टास्क
डीडीसी शेखर आनंद की अध्यक्षता में एक दिन पूर्व हुई शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक में अधिकारियों को कुछ नवाचार करने का टास्क सौंपा गया ताकि शिक्षा के क्षेत्र में जिला कुछ नया कर सके। डीपीओ स्थापना राघवेंद्र प्रताप ङ्क्षसह ने कहा कि समीक्षा बैठक में मुख्य रूप से विद्यालय निरीक्षण व गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर विशेष बल दिया गया। इसके अलावा विद्यालयों की भूमि का संपूर्ण ब्योरा अभिलेख के साथ तीन दिन के अंदर प्रधानाध्यापकों से मांगा गया है। बैठक में डीपीओ माध्यमिक शिक्षा मानवेंद्र कुमार राय के अलावा सभी बीईओ शामिल थे।