पकरीबरावां में शोभा की वस्तु बनकर रह गई नल जल योजना की टंकी, बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे लोग
रशासनिक उदासीनता का शिकार है पकरीबरावां प्रखंड में नल जल योजना। नीतीश सरकार की महत्वाकांक्षी कार्यक्रम सात निश्चय में शामिल नल जल योजना कागजों पर ज्यादा दौड़ रही है। उदाहरण है पकरीबरावां प्रखंड के सिमरिया गांव का वार्ड संख्या 02 का नल-जल योजना जो सिर्फ शोभा बढ़ाने तक ही है।
संवाद सूत्र, पकरीबरावां (नवादा)। प्रशासनिक उदासीनता का शिकार है पकरीबरावां प्रखंड में नल जल योजना। नीतीश सरकार की महत्वाकांक्षी कार्यक्रम सात निश्चय में शामिल नल जल योजना कागजों पर ज्यादा दौड़ रही है। जिसका जीता जगता उदाहरण है पकरीबरावां प्रखंड के सिमरिया गांव का वार्ड संख्या 02 का नल-जल योजना, जो सिर्फ शोभा बढ़ाने तक ही है।
हर घर पाइप बिछ गया, घर-घर टोटी तक लग गया, लेकिन लोगों को जल नसीब नहीं है। नल जल का जो पंप हाउस है वह हाथी का दांत है। वाटर टंकी सरकारी स्कूल में बेकार पड़ा है। अभी तक टंकी का काम भी पूरा नहीं किया गया है। योजना के नाम पर पैसे की बंदरबाट हो रही है। जब सिमरिया गांव में जैसे ही जल नल योजना शुरू हुई तो लोगों को चला कि अब हमें जल समस्या से निजात मिल जाएगी, लेकिन सिर्फ सपना साबित हुआ।
आज कुछ जनप्रतिनिधि और प्रशासनिक पदाधिकारी की मिली भगत के कारण यह योजना सिर्फ ढाक के तीन पात साबित हुई। करोड़ों रुपये की लागत से बनी योजना सिर्फ शोभा बढ़ा रही है और कुछ नहीं। लिखित शिकायत के बावजूद भी ठीकेदार को पेमेंट हो गया और काम आधा-अधूरा है। बरहाल जो भी हो लेकिन सरकार की यह योजना सिर्फ लूट खसोट की व्यवस्था बन कर रह गई है। जिसको प्रशासनिक पदाधिकारी एवं जनप्रतिनिधियों के लिए संजीवनी का काम कर रहा है। अब देखना है कि वरीय अधिकारी कुंभकर्णी नींद से कब जगते हैं। और कब तक पकरीबरावां के सिमरिया गांव सहित अन्य गांवों के लोगों को नल का जल मिल पाता है।