बदलते मौसम में खानपान का रखें विशेष ध्यान, सुबह को करें गुनगुने पानी का सेवन
मौसम में उतार-चढ़ाव हो रहा है। इस तरह के मौसम में बीमारियां बढ़ जाती हैं। जरा-सी लापरवाही से घातक हो सकता है। ज्यादातर लोग सर्दी-खांसी बुखार गैस जैसे बीमारी परेशान रहते हैं। जीवनशैली व खानपान में बदलाव भी एक कारण है।
गया । मौसम में उतार-चढ़ाव हो रहा है। इस तरह के मौसम में बीमारियां बढ़ जाती हैं। जरा-सी लापरवाही से घातक हो सकता है। ज्यादातर लोग सर्दी-खांसी, बुखार, गैस जैसे बीमारी परेशान रहते हैं। जीवनशैली व खानपान में बदलाव भी एक कारण है। सोने का समय निर्धारित न होना व खानपान में स्ट्रीट फूड का ज्यादा प्रयोग करना है। जनरल फिजिशियन डॉ. वीवी सिंह सोमवार को दैनिक जागरण के हेलो डॉक्टर कार्यक्रम में पाठकों के सवालों के जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि जब हम भोजन करते हैं तो आमाशय में हाइड्रोक्लोरिक एसिड बनता है, जिससे भोजन पचता है। बदहजमी व अनियंत्रित दिनचर्या की वजह से कभी कभार एसिड आहार नली में जाने लगता है, जिससे समस्या बढ़ जाती है।
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सर्दी-खांसी और सांस की परेशानी बढ़ गई है।
अरविंद कुमार, कुदरा कैमूर
बदलते मौसम में खासकर सर्दी-खांसी और सांस की परेशानी ज्यादा लोगों में होती है। इसके लिए मौसम के अनुकूल खानपान जरूरी है। ज्यादा सांस की परेशानी हो तो एंटी एलर्जी का सेवन करें। साथ ही चेस्ट एक्सरे और ब्लड की जांच कराएं। इसके बाद अच्छे फिजिशियन चिकित्सक से दिखाएं। उसके बाद ही दवा का सेवन करें।
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पेट में दायीं ओर दर्द से नींद नहीं आती है।
राजू कुमार, गया अगर पेट में दर्द हो रहा है तो विशेष रूप से खानपान का ख्याल रखें। साथ ही नजदीकी सरकारी अस्पताल में जाकर जांच कराएं। साथ ही पेट में दायीं ओर दर्द होता है तो आपेंक्डिस भी हो सकता है। इसके लिए विशेषज्ञ चिकित्सक या फिर अच्छे सर्जन से जरूर दिखाएं। उसके बाद ही दर्द की दवा का सेवन करें।
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बच्चों को मौसमी बीमारियां से परेशानी बढ़ गई है।
जनार्दन कुमार, बालाजी कॉलोनी, गया
बच्चों में बदलते मौसम में निमोनिया की शिकायत ज्यादा होती है। अगर बुखार 98 डिग्री है तो उसे नॉर्मल समझना चाहिए। एंटी एलर्जी लिवो सिट्रिजिन टैबलेट दो से तीन दिनों तक खिलाएं। अगर इससे नहीं ठीक नहीं होता है तो डॉक्टर की सलाह पर खून की जांच कराएं।
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सांस की परेशानी से परेशान हैं। इस कारण नींद नहीं आती है।
महेंद्र प्रसाद, डोभी गया
बढ़ते उम्र में सांस की परेशानी ज्यादा हो जाती है। इसके लिए विशेष रूप से खाने-पीने पर ध्यान देना चाहिए। ज्यादातर बदलते मौसम में गुनगुने पानी का सेवन करें। दो से तीन महीनों पर शुगर और ईसीजी की जांच कराते रहनी चाहिए। इस मौसम में हफनी की शिकायत ज्यादा होती है। फ्रिज में रखे सामानों का तुंरत सेवन नहीं करें। दही का भी सेवन नहीं करना चाहिए।
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मौसम में बदलाब से बच्चों में जुकाम की समस्या बढ़ गई है।
विंदू वर्मा, वजीरगंज गया
बच्चों को फ्रिज का पानी सेवन करने से बचाएं। अगर बच्चे धूप से तुंरत घर आए तो उन्हें थोड़ी देर के बाद ही पानी पिलाएं। साथ ही ज्यादातर बच्चों को मौसमी फल का सेवन कराएं। अच्छे फिजिशियन डॉक्टर से दिखाकर एलर्जी की जांच कराएं। उसके बाद दवा का सेवन करें।
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सर्दी-खांसी बहुत ज्यादा है। सिर दर्द से भी परेशान हैं।
रंजीत पासवान, बैरागी, गया
आजकल सर्दी-खांसी मौसमी बीमारी है। आप बुखार पर नजर रखें। एंटी एलर्जी गोली ले सकते हैं। इससे पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए। साथ ही अच्छे डॉक्टर से दिखाएं और हर प्रकार के एलर्जी की जांच भी करा सकते हैं। वहीं, खानपान का विशेष ख्याल रखना जरूर है।
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कब्जियत और सुस्ती की
शिकायत बढ़ गई है।
कृष्ण प्रसाद, नोखा, रोहतास
जीवनशैली व खानपान में बदलाव के कारण कब्जियत और सुस्ती की शिकायत होती है। नियमित व्यायाम और तेल-मसाले से बने खाने का सेवन कम करें। सुबह में रोज गर्म पानी पीना चाहिए। साथ ही शाम में चना का सेवन करें। अगर इससे भी नहीं ठीक होती है तो अच्छे डॉक्टर की सलाह से अल्ट्रासाउंड भी करा सकते हैं।
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गर्दन के दर्द से परेशान हैं। रात में घबराहट होती है।
गोविंद प्रसाद यादव, बंगाली बिगहा, गया
गर्दन में दर्द बढ़ते उम्र के कारण है। गर्दन की हड्डी में दर्द सोने से भी हो सकती है। इसके लिए रोज व्यायाम कर सकते हैं। साथ ही रात में कम खाना खाएं। रात में घबराहट और सुस्ती है तो बीमारी के बारे में ज्यादा सोचने से भी हो सकती है। बीमारी के बारे में ज्यादा सोचे नहीं, बीमारी कोई बड़ी नहीं है। नियमित व्यायाम से जल्द ही ठीक हो जाएगी।
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बदलते मौसम में बीमारियों
से बचने के उपाय
बदलते मौसम में पांच तरह की बीमारियां होती हैं। कोलरा, फ्लू, लीवर की बीमारी, मलेरिया एवं सर्दी-खासी। तेल मसाले से बने भोजन खाने से इन बीमारियों की चपेट में लोग ज्यादा आते हैं। पेट में दर्द, खट्टी डकारें, पेट में जलन, मल का रंग गहरा हो जाना, जी मिचलाना, भार में तेजी से कमी, भूख में कमी आने लगती हैं। वहीं, सेऐ में समय में चाय, कॉफी, कोल्ड ड्रिंक्स, जंक फूड कम लें। खाना समय पर और आराम से खाएं। स्मोकिंग से परहेज करें और तनाव मुक्त रहें। नियमित व्यायाम कर और डॉक्टरों की सलाह से स्वस्थ्य रह सकते हैं।