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लॉकडाउन में मिठाई और चाय-नाश्‍ता की दुकानें भी बंद, दूध विक्रेताओं और दुकानदारों पर टूटा दुखों का पहाड़

Lockdown affected shopkeepers लॉकडाउन ने मिठाई कारोबारियों और दूध विक्रेताओं की कमर तोड़ दी है। दुकानें बंद होने से मिठाई विक्रेताओं की नींद उड़ गई है। मिठाई दुकानों में काम करने वाले कारीगरों की हालत दयनीय हो गई है।

By Prashant KumarEdited By: Published: Fri, 21 May 2021 03:49 PM (IST)Updated: Fri, 21 May 2021 03:49 PM (IST)
लॉकडाउन में मिठाई और चाय-नाश्‍ता की दुकानें भी बंद, दूध विक्रेताओं और दुकानदारों पर टूटा दुखों का पहाड़
लॉकडाउन के कारण बंद है नगर की सारी दुकानें। जागरण।

राजेश प्रसाद, पकरीबरावां (नवादा)। लॉकडाउन ने मिठाई कारोबारियों और दूध विक्रेताओं की कमर तोड़ दी है। दुकानें बंद होने से मिठाई विक्रेताओं की नींद उड़ गई है। मिठाई दुकानों में काम करने वाले कारीगरों की हालत दयनीय हो गई है। मिठाई विक्रेताओं को माने तो लॉकडाउन के कारण मिठाई बाजार को लाखों रुपये से ज्यादा का नुकसान हुआ है। कारोबार से जुड़े दुकानदार, कारीगर व मिठाई परोसने वाले मजदूर बेरोजगार हो गये हैं और उनके समक्ष रोजी-रोटी की समस्या उत्पन्न हो गई है। दूध वालों की परेशानी काफी बढ़ गई है। दुकानदारों की माने तो लगभग एक हजार से अधिक कारीगर और मजदूर इस कारोबार प्रभावित हुए हैं। दुकानें खुली रहने से प्रतिदिन इन कारीगरों व मजदूर को घर जाते समय मजदूरी मिलती थी।

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बरा और रसकदम मिठाई की है डिमांड

पकरीबरावां का बरा और दूध खोआ से बनने वाले मिठाई काफी प्रसिद्ध है। प्रतिदिन दो से ढाई लाख का मिठाई का कारोबार होता था। लोग मिठाई का सेवन करते हैं। लेकिन मिठाई दुकान बंद होने से लोग उसके मिठास से वंचित हैं।

कारोबार का गिर गया बाजार

पिछले वर्ष लॉकडाउन को तो दुकानदारों ने किसी तरह झेल लिया, पर इस बार का लॉकडाउन उनके लिए काफी कष्टदायी हो गई है। मिठाई विक्रेताओं को माने तो लॉकडाउन के कारण प्रखंड से लेकर जिले में मिठाई बाजार को काफी नुक्सान हुआ है। मिठाई विक्रेता मनोज, पप्पू प्रभाकर देव सहित अन्य ने बताया की यहां की मिठाई न सिर्फ प्रखंड और जिले वासियों को मुंह में पानी ला देता है, बल्कि मिठाई को लोग विदेश तक संदेश के रूप में बाहर ले जाते हैं।

मिठाई दुकान से जुड़े लगभग एक हजार परिवार को खाने-पीने के लाले पड़ने लगे हैं। करीब सौ मिठाई दुकान में प्रतिदिन सैकड़ों क्विंटल दूध का खपत होती थी। अभी सब बंद है। दूध व्यवसाय करने वाले किसान दिलीप यादव और कैलाश यादव कहते हैं कि मिठाई दुकान में जब से दूध बंद हुआ है तब से घरों में दूध बर्बाद हो रहा है घर परिवार आखिर दूध खायो तो कितना खाए। आसपास के लोगों को फ्री में भी दूध देने की बात कहते हैं तो जवाब मिलता है अभी कोरोना है बाद में लेंगे।


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