फर्जी अंक पत्र पर बहाल चार शिक्षकों पर निगरानी ने दर्ज कराई प्राथमिकी, 39 शिक्षक पहले हुए हैं सेवामुक्त
बिहार शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीइटी) के फर्जी अंक पत्र पर नियुक्त चार शिक्षकों पर निगरानी के शुक्रवार को फेसर थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई है। एक मार्च 2021 को निगरानी ने जिले में फर्जी प्रमाण पत्र पर बहाल 39 शिक्षकों को सेवामुक्त करने का आदेश दिया था।
जागरण संवाददाता, औरंगाबाद : फर्जी प्रमाण पत्र पर बहाल शिक्षकों पर निगरानी की कार्रवाई जारी है। बिहार शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीइटी) के फर्जी अंक पत्र पर नियुक्त चार शिक्षकों पर निगरानी के शुक्रवार को फेसर थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई है। जिन शिक्षकों पर प्राथमिकी दर्ज हुई है उनमें सदर प्रखंड के नव सृजित प्राथमिक विद्यालय मियांपुर में नियोजित शिक्षक गोह थाना के घेजना गांव निवासी चितरंजन कुमार (पिता राजेंद्र पासवान), नव सृजित प्राथमिक विद्यालय ममका टोले पासी बिगहा में नियोजित शिक्षक नगर थाना क्षेत्र धरनीधर मोड़ मुसा खां के मस्जिद के पीछे के निवासी ओमप्रकाश (पिता मधुसुदन सिंह), मध्य विद्यालय परसडीह में नियोजित शिक्षक समस्तीपुर जिला मुख्यालय के कल्याणपुर चौक निवासी शैलेंद्र कुमार (पिता अमरनाथ ठाकुर) एवं नव सृजित प्राथमिक विद्यालय कुशा में नियोजित शिक्षक रफीगंज के बलिगांव गांव निवासी निशा कुमारी पिता (नरसिंह पासवान) शामिल हैं।
चारों शिक्षक वर्ष 2013 में बहाल हुए हैं
पुलिस ने बताया कि चारों शिक्षकों के खिलाफ निगरानी अन्वेशन ब्यूरो के इंस्पेक्टर सह शिक्षक नियोजन के जांच पदाधिकारी योगेंद्र कुमार के बयान पर प्राथमिकी दर्ज की गई है। निगरानी के जांच पदाधिकारी के अनुसार जिले में बहाल शिक्षकों के प्रमाण पत्र की जांच निगरानी अन्वेशन ब्यूरो के द्वारा की जा रही है। जांच में उक्त सभी चारों शिक्षकों की बिहार शिक्षक पात्रता परीक्षा का अंक पत्र फर्जी पाया गया है। सभी शिक्षक वर्ष 2011 में बिहार शिक्षक पात्रता परीक्षा में उत्तीर्ण का अंक पत्र अपनी नियोजन में लगाए हुए हैं। चारों शिक्षक वर्ष 2013 में बहाल हुए हैं। बता दें कि बिहार शिक्षक पात्रता परीक्षा के अंक पत्र को कंप्यूटर से फर्जी तरीके से निकालकर कई अभ्यर्थी शिक्षक बहाली में नियोजन करा लिए हैं।
और फर्जी शिक्षकों पर प्राथमिकी दर्ज होने की सूचना
जांच में अभी और फर्जी शिक्षकों पर प्राथमिकी दर्ज होने की सूचना है। बता दें कि एक मार्च 2021 को निगरानी ने जिले में फर्जी प्रमाण पत्र पर बहाल 39 शिक्षकों को सेवामुक्त करने का आदेश दिया था। 31 मई 2020 को अमान्य शैक्षणिक संस्थान से उत्तीर्ण बारुण प्रखंड के 16 शिक्षकों को सेवामुक्त करने का आदेश जारी किया गया था।