सूर्य की तरह पौधों को जीवन देता है रोहतास का सूरज, पौधे लगाने के साथ उन्हें सींचता, बचाता भी है
रोहतास में केंद्रीय विद्यालय के छात्र सूरज का पर्यावरण के प्रति स्नेह काबिलेतारीफ है। वह पौधे लगाने के साथ उन्हें सींंचता और उनकी सुरक्षा भी करता है। इस काम की सराहना शिक्षक के साथ सहपाठी भी करते हैं।
सासाराम (रोहतास), जागरण संवाददाता। प्रकृति व जीवन (Nature and Life) एक दूसरे के पूरक हैं। किसी एक के अभाव में न तो प्रकृति जिंदा रह सकती है न मनुष्य। पर्यावरण की सुरक्षा आज एक गंभीर चुनौती बनी हुई है। जिसे बचाने के लिए हर स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। जो जहां है वहां पर पौधे लगा पर्यावरण संरक्षण (Environment Protection) का संकल्प ले रहा है। कुछ इसी संकल्प को बहुत कम ही उम्र में आगे बढ़ाने का काम कर रहा है सूरज। वह आज सहपाठियों ही नहीं बल्कि छात्रों के लिए प्रेरणास्रोत बन गया है। चाहे वह कोरोना काल में असहायों को खाना खिलाने का काम हो या फिर जल जीवन, हरियाली अभियान के तहत पौधे लगाने का।
स्कूल परिसर को किया हरा-भरा
सूरज बीते तीन वर्ष में डेढ़ सौ फलदार व फूलदार पौधे लगा चुका है। इनमें से 80 पौधे स्कूल परिसर में लगाने का काम किया है। इस बार भी 12 वीं कक्षा के इस छात्र ने पर्यावरण दिवस पर स्थानीय केंद्रीय विद्यालय (Kendriya Vidyalya) में पौधे लगा अपने संकल्प को एक कदम और आगे बढ़ाया है। सूरज सिर्फ पौधे लगाना ही नहीं बल्कि उसका देखभाल का भी काम करता है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद संगठन (ABVP) से जुड़ समाजसेवा के क्षेत्र में हाथ बंटा रहे सूरज का प्रकृति से लगाव का आज पूरा विद्यालय परिवार कायल है। तभी तो सूरज कहता है कि प्रकृति जो हमें अनमोल चीज देती है, उसका कर्ज हम उसकी सुरक्षा कर के ही चुका सकते हैं। जब तक जल, जंगल व जमीन से मानव जीवन का अटूट संबंध है तब तक हमें उसके बारे में सोचना ही होगा। वहीं प्राचार्य नंदलाल पासवान भी अपने इस छात्र के कार्य पर गर्व महसूस करते हैं। वे कहते हैं कि प्रकृति की सुरक्षा नैतिक शिक्षा का मुख्य अंग है। सफल व सच्चा गुरु वही होता है, जिसका कोई छात्र किसी अच्छे काम के लिए जाना जाए।