गणित की अंग्रेजी तक नहीं जानते छात्र, विज्ञान, भूगोल से दूर-दूर तक वास्ता नहीं
ऑपरेशन ब्लैक बोर्ड -------- फोटो-38 ------- -इमामगंज प्रखंड के विराज उत्क्रमित हाईस्कूल में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा नहीं लैब के बारे में कभी सुना ही नहीं ---------- बदहाल शिक्षा -वर्ष 2015 में मध्य विद्यालय से हाईस्कूल में किया गया था उत्क्रमित -शिक्षकों के घोर अभाव के कारण नहीं होती विषयवार पढ़ाई ---------- -540 विद्यार्थियों में से महज 125 ही उपस्थित -13 शिक्षकों में एक वेतनमान तीन टोला सेवक और दो मरकज शिक्षक ------------ संवाद सूत्र इमामगंज
गया । राज्य सरकार गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए सतत प्रयासरत है, लेकिन स्थिति विपरीत है। व्यवस्था सुधारने के बजाय सरकारी स्कूलों की स्थिति बिगड़ती जा रही है। इसी परिप्रेक्ष्य में दैनिक जागरण के ऑपरेशन ब्लैक बोर्ड अभियान के तहत गुरुवार को प्रखंड के उत्क्रमित हाईस्कूल विराज का हमने जायजा लिया। यहां के बच्चे बेसिक जानकारी से भी अनभिज्ञ हैं। नौवीं कक्षा में गए तो मात्र 15 बच्चे ही उपस्थित थे। इनसे पहले सब्जेक्टिव प्रश्न किए गए तो मौन रह गए। उसके बाद गणित की अंग्रेजी पूछा गया तो किसी ने कोई जवाब नहीं दिया। विज्ञान, भूगोल से उनका दूर-दूर तक वास्ता नहीं। प्रैक्टिकल या फिर लैब क्या होता है, वे जानते ही नहीं हैं। वहां मौजूद शिक्षक कहते हैं, उवि के लिए कोई शिक्षक ही नहीं है। ऐसे में सवाल उठना लाजिमी है कि जब शिक्षक ही नहीं हैं तो फिर बच्चों का नामांकन क्यों किया गया? सबसे आश्चर्यजनक बात तो यह थी कि यहां कुल 540 विद्यार्थी नामांकित हैं, लेकिन महज 125 विद्यार्थी ही उपस्थित मिले। --------
न भवन और न ही शिक्षक
वर्ष 2015 में मध्य विद्यालय विराज को हाईस्कूल में उत्क्रमित किया गया था। उत्क्रमित होने के बाद से आज तक न भवन तैयार हुआ और न ही शिक्षक बहाल किए गए। ऐसे में नौवीं व दसवीं कक्षा के विद्यार्थियों को मध्य विद्यालय के शिक्षक ही समय निकाल कर पढ़ाई करवाते हैं। ------------ प्रधानाध्यापक गए
थे ऑडिट करने
विद्यालय में पहुंचने पर पता चला कि प्रधानाध्यापक महेंद्र कुमार ऑडिट करने बीआरसी इमामगंज गए हुए हैं। अन्य सभी शिक्षक कक्षा में पढ़ा रहे थे। ----------
विषयवार पढ़ाई नहीं
उवि के विद्यार्थियों ने बताया कि शिक्षकों के अभाव के कारण विषयवार पढ़ाई नहीं होती। मध्य विद्यालय के शिक्षकों द्वारा ही कुछ विषयों पढ़ा करा दी जाती है। और तो और कोई एक्टिविटी भी नहीं कराई जाती। गीत-संगीत व खेलकूद से भी कोई वास्ता नहीं है। -----------
जमीन पर बैठकर करते पढ़ाई
विद्यालय में छात्रों को बैठने के लिए उपस्कर भी उपलब्ध नहीं हैं। छात्र जमीन पर टाट बिछाकर पढ़ाई करते हैं। सबमर्सिबल से पीने का पानी मिल रहा है।
----------- खुले में शौच करना मजबूरी
एक तरफ ओडीएफ को लेकर देशभर में अभियान चल रहा है। इस स्कूल में शौचालय नहीं है। ऐसे में विद्यार्थियों को खुले में शौच के लिए जाना पड़ता है।
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मवि के कक्षा में उवि की पढ़ाई
मध्य विद्यालय के प्रधानाध्यापक महेंद्र कुमार व सहायक शिक्षक बिंदेश्वरी चौधरी बताते हैं, हाई स्कूल का भवन नहीं रहने से छात्रों को मध्य विद्यालय के कक्षाओं में बैठाकर पढ़ाया जाता है। हालांकि, विद्यालय के पास एक एकड़ जमीन है। चारों तरफ से चारदीवारी भी की गई है। हाई स्कूल का भवन बन जाए और हर विषय के शिक्षक बहाल हो जाएं तो गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलेगी।
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प्रखंड में तीन प्लस टू विद्यालय हैं। इनमें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का अभाव है। बाकी पंचायत स्तर पर तेरह उत्क्रमित हाई स्कूल हैं। इनमें कहीं पर एक दो शिक्षक आए हैं। जहा खाली हैं वहा मध्य विद्यालय के शिक्षकों के द्वारा पढ़ाई कराई जा रही है। शिक्षक की बहाली होने तक परेशानी तय है।
राम सेवक राम, बीईओ
इमामगंज
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प्रस्तुति : देवेंद्र प्रसाद
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