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नवादा के जेल में कैदी की मौत मामले में पांच दर्जन लोगों का बयान कलमबंद, जल्द सौंपी जा सकती रिपोर्ट

गहन जांच के दौरान तकरीबन पांच दर्जन लोगों का बयान कलमबंद किया गया है। मंडलकारा में बंदियों कक्षपाल जेल अधिकारियों का बयान लिया गया है। वहीं रजौली में मृतक के स्वजनों व ग्रामीणों से कई अहम जानकारी जुटाई गई है।

By Prashant KumarEdited By: Published: Fri, 10 Sep 2021 03:10 PM (IST)Updated: Fri, 10 Sep 2021 03:10 PM (IST)
नवादा के जेल में कैदी की मौत मामले में पांच दर्जन लोगों का बयान कलमबंद, जल्द सौंपी जा सकती रिपोर्ट
कैदी की माैत मामले में लिए गए लोगों के बयान। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर।

संवाद सहयोगी, नवादा। मंडलकारा के बंदी गुड्डू कुमार की मौत की जांच अंतिम दौर में है। संभावना है कि जल्द ही जांच रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंप दी जाएगी। सूत्र बता रहे हैं कि गहन जांच के दौरान तकरीबन पांच दर्जन लोगों का बयान कलमबंद किया गया है। मंडलकारा में बंदियों, कक्षपाल, जेल अधिकारियों का बयान लिया गया है। वहीं रजौली में मृतक के स्वजनों व ग्रामीणों से कई अहम जानकारी जुटाई गई है। वहीं रजौली थाना में चौकीदार से लेकर पुलिस पदाधिकारी से पूछताछ की गई है। सीसीटीवी फुटेज को खंगाला गया है। कहा जा रहा है कि जांच टीम में शामिल अधिकारी मौत की कारणों की तह तक पहुंच चुके हैं। साथ ही यह भी साफ हो गया है कि कहां बंदी के साथ मारपीट की गई है।

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सूत्र बता रहे हैं कि अधिकारियों की जांच इस बिंदु पर आकर ठहर गई है कि पूरी वारदात मंडलकारा के भीतर हुई है। हालांकि आधिकारिक स्तर पर इसकी पुष्टि नहीं हो पा रही है। लेकिन जिस प्रकार से मृतक के माता-पिता ने अधिकारियों के समक्ष बयान दर्ज कराया है कि रजौली थाना में बेटा पूरी तरह सुरक्षित व स्वस्थ था, गिरफ्तारी के बाद रजौली थाना में गुड्डू से मिलने गए अन्य ग्रामीणों ने भी उसके माता-पिता के बयान को सही करार दिया है। ऐसे में साफ प्रतीत हो रहा है कि घटनास्थल मंडल कारा ही है। हालांकि जबतक अंतिम रिपोर्ट नहीं सौंपी जाती है, तबतक कुछ भी कहना जल्दबादी होगी। लेकिन यदि सूत्रों की बातों में दम है तो जेल अधिकारियों की मुश्किलें बढ़ना तय है।

घटनास्थल की तलाश में जुटी है जांच टीम

गिरफ्तारी से पूर्व गुड्डू के साथ ग्रामीणों ने मारपीट की थी। मारपीट की सूचना पर ही रजौली थाना की पुलिस धर्मपुर मोड़ पहुंची थी। ऐसे में टीम के समक्ष यह भी सवाल कौंध रहा है कि कहीं धर्मपुर मोड़ पर ही पिटाई में गुड्डू की तबीयत बिगड़ी। हालांकि जानकारों का कहना है कि यदि गिरफ्तारी से पूर्व गुड्डू की गंभीर पिटाई हुई थी तो उसके शरीर पर चोट के निशान होने चाहिए था। पुलिस को चाहिए था कि उसका मेडिकल कराए। जानकार यह भी कहते हैं कि जेल भेजने से पहले किसी बंदी की पूर्ण जांच होती है। जांच में संतुष्ट होने के बाद ही जेल अधिकारी उसे अपनी अभिरक्षा में लेते हैं। ऐसे में यह साफ है कि जेल जाने से पूर्व गुड्डू स्वस्थ था।

जेल अधिकारियों की मुश्किलें बढ़नी तय

जांच रिपोर्ट आने के बाद जेल अधिकारियों की मुश्किलें बढऩी तय है। हत्या का मुकदमा झेल रहे अधिकारियों की कार्यशैली की पोल खुल सकती है। जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद कार्रवाई की जा सकती है। मृतक के परिवार के सदस्यों के साथ ही अन्य लोगों की निगाहें जांच रिपोर्ट पर अटकी है। देखने वाली बात होगी कि रिपोर्ट में क्या छनकर सामने आता है।


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