गया में स्थायी समिति ने लिया होल्डिंग टैक्स का जुर्माना माफी का निर्णय, ईओ ने कहा-ऐसा कोई प्रावधान नहीं
गया के टिकारी नगर पंचायत की सशक्त स्थायी समिति ने बकाया होल्डिंग टैक्स का जुर्माना माफ करने का निर्णय लिया। हालांकि इस संबंध में कोई आदेश जारी नहीं किया गया। इसपर कार्यपालक अधिकारी ने कहा कि ऐसा कोई प्रावधान ही नहीं है।
By Vyas ChandraEdited By: Published: Thu, 11 Mar 2021 10:37 AM (IST)Updated: Thu, 11 Mar 2021 10:37 AM (IST)
संवाद सहयोगी, टिकारी (गया)। टिकारी नगर पंचायत कार्यालय में नौ फरवरी को सशक्त स्थायी समिति ने बकाया होल्डिंग टैक्स (Holding Tax) जमा करने में राहत के साथ जुर्माना माफ करने का निर्णय लिया था। लेकिन प्रस्ताव पारित होने के एक माह बाद भी नगर पंचायत प्रशासन होल्डिंग धारियों कोई राहत नहीं मिली है। होल्डिंग धारी को अब यह चिंता सता रही है कि मार्च माह भी खत्म होने को है और उसके बाद पुनः जुर्माना सहित टैक्स का भुगतान करना पड़ेगा। आर्थिक बोझ पड़ेगा। नगर पंचायत कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार नपं क्षेत्र के 50 फीसद से अधिक होल्डिंगधारियों ने कई वर्षों से टैक्स का भुगतान नहीं किया है।
खामियाजा भुगत रहे है बकायेदार
बकायेदारों को जुर्माना से राहत देकर टैक्स वसूली कर राजस्व में वृद्धि करने के उद्देश्य से नगर पंचायत की स्टैंडिंग कमिटी ने अध्यक्ष शीला देवी की अध्यक्षता में प्रस्ताव पारित कर कार्यपालक पदाधिकारी को आवश्यक कार्यवाही करने का आदेश दिया था। प्रस्ताव में आगामी 31 मार्च तक बकायेदारों को जुर्माना से राहत देने की बात कही गई थी। परंतु अब तक किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसका खामियाजा सीधे तौर पर नपं क्षेत्र के होल्डिंग धारियों को भुगतना पड़ रहा है। ज्ञात हो कि नपं कार्यालय बकायेदारों से बकाया टैक्स पर सालाना 18 फीसद ब्याज भी वसूल करती है।
जुर्माना माफी का प्रावधान नहीं
कार्यपालक पदाधिकारी दिनेश कुमार सिन्हा ने बताया कि जुर्माना माफी का प्रावधान किसी आदेश में नही है। स्टैंडिंग कमिटी से पारित प्रस्ताव पर मार्गदर्शन के लिए नगर विकास व आवास विभाग से पत्राचार किया जाएगा।
कहती है नगर पंचायत की अध्यक्ष
नगर पंचायत अध्यक्ष शीला देवी ने कहा कि जुर्माना माफी को लेकर आदेश नहीं निकाला जाना पूरी तरह नगर पंचायत कार्यालय की लापरवाही है। जनहित के मुद्दे पर भी नगर पंचायत प्रशासन गंभीर नहीं है जो दुखद है। इसकी शिकायत नगर विकास एवं आवास विभाग से की जाएगी।
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