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बिहार सरकार की खरीद दर से 10 रुपये महंगा बिक रहा गया का सोनम धान, आंध्रप्रदेश कद्रदान

उत्पाद की गुणवत्ता अच्छी हो और सही खरीददार हो तो किसानों को उपज की बढिय़ा कीमत मिल ही जाती है। इन दिनों गया व आसपास के चार जिलों में सोनम धान उपजाने वाले किसान ऐसा ही महसूस कर रहे हैं।

By Prashant KumarEdited By: Published: Thu, 16 Dec 2021 02:00 PM (IST)Updated: Thu, 16 Dec 2021 02:00 PM (IST)
बिहार सरकार की खरीद दर से 10 रुपये महंगा बिक रहा गया का सोनम धान, आंध्रप्रदेश कद्रदान
गया के खेत में सोनम धान। जागरण आर्काइव।

जागरण संवाददाता, मानपुर (गया)। उत्पाद की गुणवत्ता अच्छी हो और सही खरीददार हो तो किसानों को उपज की बढिय़ा कीमत मिल ही जाती है। इन दिनों गया व आसपास के चार जिलों में सोनम धान उपजाने वाले किसान ऐसा ही महसूस कर रहे हैं। सोनम धान का कद्रदान आंध्रप्रदेश के व्यापारी बने हैं। यही वजह है कि स्थानीय व्यापारियों ने बीते 13 दिनों में नगद भुगतान करके 54 सौ क्विंटल धान की खरीद कर ली है। वह भी सरकार के अधिकतम समर्थन मूल्य से 10 रुपये अधिक 1950 रुपये प्रति क्विंटल की दर से। मानपुर के ईश्वर चौधरी हाल्ट पर धान स्टाक किया जा रहा है। दो दिन में पूरी ट्रेन भरकर धान की खेप आंध्रप्रदेश रवाना की जाएगी। अब तक चार रैक धान भेजा जा चुका है।

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स्थानीय व्यापारियों ने बताया कि पांच दिन के अंदर किसान को उनके उपज की पूरी कीमत दे दी जा रही है। हाल्ट तक धान पहुंचाने का किराया किसानों को वहन करना पड़ता है। बीते दो दिसबंर से धान की खरीदारी शुरू की गई। 13 दिन में 54 सौ टन धान की खरीदारी हुई है। यह सिलसिला अभी जारी रहेगा। गया के अलावा जहानाबाद, नवादा एवं नालंदा के किसान रोजाना अपनी धान की उपज लेकर मानपुर पहुंच रहे हैं। अभी आंध्रप्रदेश के लिए चार बार रैक लग चुका है। छोटे रैक में 9 सौ टन तो बड़े रैक में 18 सौ टन धान की खेप लादी जाती है।

जानें कैसा होता है सोनम धान

सोनम धान लंबा और देखने में काफी बेहतर लगता है। इससे तैयार किया गया अरवा चावल खाने में काफी स्वादिष्ट होता है। बिरयानी से लेकर खीर-पुलाव भी काफी अच्छे बनते हैं। इस कारण इसकी मांग कई प्रदेशों में है। बिक्री में सहूलियत व अच्छे मुनाफे के कारण किसान सोनम धान की पैदावार बड़े पैमाने पर करने लगे हैं।

किसानों ने कहा- सूबे में लगे सोनम धान से अरवा चावल बनाने का प्लांट

किसानों का कहना है कि हमलोग सोनम धान की बिक्री कर देते हैं। फिर हम ही लोगों को सोनम धान से बने अरवा चावल को अधिक दाम देकर खरीदना पड़ता है। अगर बिहार में सोनम धान से अरवा चावल तैयार करने का प्लांट लगा दिया जाए तो किसानों को काफी फायदा होगा।


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