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अक्षरधाम और काशीधाम की तर्ज पर होगी महाबोधि मंदिर की सुरक्षा, बीएमपी जवानों को मिलेगा प्रशिक्षण, जानिए पूरी बात

विश्वधरोहर महाबोधि मंदिर की सुरक्षा अक्षरधाम और काशीधाम के तर्ज पर होगी। अभी वर्तमान में महाबोधि मंदिर की चौक-चौबंद सुरक्षा की व्यवस्था है। मंदिर की सुरक्षा में बीएमपी जवानों को लगाया गया है। यहां लगे जवानों को विशेष प्रशिक्षण देने की व्यवस्था की गई है।

By Prashant Kumar PandeyEdited By: Published: Sat, 25 Jun 2022 12:13 PM (IST)Updated: Sat, 25 Jun 2022 12:13 PM (IST)
अक्षरधाम और काशीधाम की तर्ज पर होगी महाबोधि मंदिर की सुरक्षा, बीएमपी जवानों को मिलेगा प्रशिक्षण, जानिए पूरी बात
वर्तमान में महाबोधि मंदिर की सुरक्षा में लगे हैं, बीएमपी की तीन कंपनी

 जागरण संवाददाता, गया : मगध रेंज के प्रभारी आईजी सह बीएमपी के आईजी एमआर नायक ने बताया कि विश्वधरोहर महाबोधि मंदिर की सुरक्षा अक्षरधाम और काशीधाम के तर्ज पर होगी। अभी वर्तमान में महाबोधि मंदिर की चौक-चौबंद सुरक्षा की व्यवस्था है। मंदिर की सुरक्षा में बीएमपी जवानों को लगाया गया है। यहां लगे जवानों को विशेष प्रशिक्षण देने की व्यवस्था की गई है। 

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उन्होंने बताया कि बीएमपी के जवानों को विशेष प्रशिक्षण देने के लिए सीआईएसएफ से बातचीत हुई है। सीआईएसएफ के सशुल्क बीएमपी के जवानों को प्रशिक्षित किया जाएगा। इसका वहन राज्य सरकार करेगी। प्रशिक्षण में बीएमपी जवानों को हर क्षेत्र में निपुण किया जाएगा। उनकी दक्षता को मुकम्मल की जाएगी। हर विषम परिस्थति का मुकाबला करने के लिए दक्ष होंगे। साथ हीं इन जवानों पर निगरानी करने के लिए सीआईएसएफ के अधिकारी बोधगया मंदिर की सुरक्षा को लेकर जवानों को गाइड करेंगे। 

यहां की सुरक्षा कैसे पुख्ता किया जाए। इसके लिए समय-समय पर परामर्श लेंगे। ताकि सुरक्षा व्यवस्था को बेहतर किया जा सके। आईजी ने बताया कि विश्वधरोहर महाबोधि मंदिर में बीएमपी की तीन कंपनी लगी हुई है। इसमें पुरूष और महिला है। लेकिन इसकी संख्या बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे है, आने वाले दिनों में महाबोधि मंदिर की सुरक्षा में एक और कंपनी की तैनाती करने का प्रस्ताव है। जल्द ही एक और कंपनी की तैनाती होगी। 

सुरक्षा को लेकर महाबोधि मंदिर की सुरक्षा का हो सीमांकन आईजी ने बताया कि 25 अक्टूबर 2021 बीएमपी को अधिसूचना जारी है। उसके बाद से बीएमपी मंदिर की सुरक्षा में लगी है। लेकिन बड़ी बात यह है कि बोधगया महाबोधि मंदिर की सीमा कहां तक, जवानों को किन क्षेत्रों तक सुरक्षा करनी है। इसका दायरा कहां तक है। मंदिर और आसपास क्षेत्र की सीमांकन को लेकर डीएम को पत्र भेजे है। उन्हें यह कहा गया है कि बोधगया महाबोधि मंदिर की सीमांकन करें। सीमांकन की जानकारी बीएमपी समादेष्टा, आईजी व वरीय अधिकारी को दें।

संसाधनों को बढ़ाने की जरूरत उन्होंने बताया कि बोधगया मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं पर निगरानी रखने के लिए सीसीटीवी लगा हुआ है। जो पर्याप्त नहीं है। इसकी संख्या बढ़ाने की जरूरत है। इतना हीं श्रद्धालुओं के लैगेज की जांच करने के लिए स्कैनर है। इसकी संख्या भी कम है। सीसीटीवी और लैगेज स्कैनर की संख्या बढ़ाने का प्रस्ताव डीएम को दिया गया है। ताकि सुरक्षा व्यवस्था को अक्षुण्य रखने में कोई असुविधा नहीं हो। 

250 बेड के बैरक में एसी की सुविधा बीते माह मुख्यमंत्री द्वारा बीएमपी जवानों के लिए महाबोधि परिसर में 250 बेड का बैरक का उदघाटन किया गया था। जहां पर्याप्त पंखा नहीं लगा था, इस कारण से उदघाटन के वक्त सीएम ने एसी लगाने का आदेश दिया था। इसे लेकर भी डीएम को पत्र भेजकर बैरक में एसी लगाने को कहा गया है। एसी लगने के उपरांत जवान वहां विश्राम करेंगे।


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